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Elvish Yadav Controversy : राजस्थान पुलिस एस्कॉर्ट वीडियो केस में नया मोड़, एल्विश ने AI टूल से वीडियो एडिट करके किया था अपलोड

Elvish Yadav Controversy : राजस्थान पुलिस एस्कॉर्ट वीडियो केस में नया मोड़, एल्विश ने AI टूल से वीडियो एडिट करके किया था अपलोड
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एल्विश यादव की फाइल फोटो।
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जयपुर, 15 फरवरी (भाषा)

Elvish Yadav Controversy : राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि यूट्यूबर एलविश यादव द्वारा अपलोड किए गए राजस्थान पुलिस एस्कॉर्ट के वीडियो को एआई टूल्स का इस्तेमाल करके संपादित किया गया था। राजस्थान पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

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पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया जांच में यह भी पाया गया कि सोशल मीडिया पर लोकप्रिय सेलिब्रिटी ने अपने ब्लॉग में अपनी कार के आगे चल रहे नियमित गश्ती पुलिस वाहन को पुलिस एस्कॉर्ट वाहन के रूप में प्रस्तुत किया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कुंवर राष्ट्रदीप ने पीटीआई-भाषा को बताया, "यादव द्वारा अपलोड किया गया वीडियो संपादित है और इसमें कुछ एआई टूल्स का भी इस्तेमाल किया गया है, जिसकी तकनीकी रूप से जांच की जा रही है।"

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक पुलिस वाहन नियमित गश्त पर था, जिसका यादव अपनी कार से पीछा कर रहा था और वीडियो में दिखाया गया कि एक पुलिस वाहन उन्हें एस्कॉर्ट कर रहा था। उन्होंने कहा कि यादव ने यह दिखावा करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कानून-व्यवस्था के मुद्दों को देखते हुए पुलिस सहायता का अनुरोध किया जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट कर रही थी।

विशेष व्यवस्था के तहत अति विशिष्ट व्यक्ति को पुलिस एस्कॉर्ट प्रदान किया जाता है। पुलिस ने कहा कि वीडियो को अब पुष्टि के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा जाएगा और यादव को पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 11 फरवरी को, यादव के खिलाफ एक भ्रामक वीडियो पोस्ट करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वीडियो में दावा किया गया था कि उन्हें राजस्थान पुलिस द्वारा एस्कॉर्ट किया गया था।

पुलिस ने उनके दावे को खारिज करते हुए कहा था कि यादव को कोई आधिकारिक सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी और उनके खिलाफ राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने का मामला दर्ज किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि गाड़ी पुलिस विभाग की नहीं थी, और इसके रजिस्ट्रेशन की जांच की जा रही है।

इस बीच, प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुद को और अपने बेटे को इस विवाद से अलग करते हुए कहा कि दोनों में से किसी ने भी पुलिस एस्कॉर्ट का अनुरोध नहीं किया था। उन्होंने कहा, "एलविश यादव अक्सर मुझसे मिलने आते हैं और एक राजनेता के तौर पर मैं कई लोगों से मिलता हूं। मेरी सरकार सत्ता में नहीं है, इसलिए मुझे नहीं पता कि पुलिस वाहन की व्यवस्था किसने की या वह वहां क्यों था।"

खाचरियावास ने हाल ही संवाददाताओं से बातचीत में कहा था "न तो मेरे बेटे ने और न ही मैंने एस्कॉर्ट की मांग की। राज्य सरकार या एलविश को स्पष्ट करना चाहिए कि उन पुलिस वाहनों के साथ क्या हो रहा था। इस मुद्दे को बहुत ज्यादा खींचा जा रहा है। मामले की जांच की जा रही है।''

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