नयी दिल्ली, 8 अगस्त (ट्रिन्यू)
संसद के दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से कुछ घंटे पहले, सरकार ने भारत के बिजली वितरण परिदृश्य में निजी कंपनियों के प्रवेश को सक्षम करने के लिए लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया। कांग्रेस, टीएमसी, द्रमुक और वामपंथियों के कड़े विरोध के बीच, विधेयक को ऊर्जा के बारे में संसदीय स्थायी समिति के पास भेज दिया गया। बिजली मंत्री आरके सिंह ने मसौदा कानून को ‘जन समर्थक और किसान समर्थक’ बताया। सिंह ने कहा कि विधेयक में किसानों को मौजूदा बिजली सब्सिडी में कटौती का कोई प्रावधान नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने हाल ही में इस विधेयक को लाने के खिलाफ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि इसे वापस लेना साल भर चलने वाले किसान आंदोलन की प्रमुख मांगों में से एक है। मोर्चा के अनुसार, ‘9 दिसंबर, 2021 को सरकार ने मोर्चा को लिखे पत्र में कहा था कि बिजली संशोधन विधेयक के उन प्रावधानों पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा होगी जो किसानों को प्रभावित करते हैं, पर कोई चर्चा नहीं हुई है।’
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आज मोर्चा से किए वादे का जिक्र किया तो सांसद मनीष तिवारी ने पार्टी की चिंताओं को व्यक्त किया।