Election Rigging : चुनाव आयोग ने साफ किया चुनावी प्रक्रिया का सच, राहुल गांधी के आरोपों को बताया बेबुनियाद
Election Rigging : निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2024 के लोकसभा चुनाव में धांधली के दावों को शनिवार को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इन ‘‘निराधार आरोपों'' का उद्देश्य चुनाव मशीनरी पर अनुचित दबाव डालना और यहां तक कि चुनाव अधिकारियों को धमकाना है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने यहां कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों का हवाला दिया, जहां पार्टी ने मतदाताओं की तस्वीरों और नामों की भौतिक रूप से जांच की और कथित तौर पर पाया कि कुल 6.5 लाख मतदाताओं में से 1.5 लाख मत ‘‘फर्जी'' थे। गांधी ने कहा, ‘‘भारत में चुनाव प्रणाली समाप्त हो चुकी है।'' उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी।
निर्वाचन आयोग ने ‘एक्स' पर एक ‘‘फैक्ट-चेक'' पोस्ट में कहा कि गांधी के बयान ‘‘भ्रामक और निराधार हैं''। इसने कहा कि लोकसभा-2024 के लिए मतदाता सूची तैयार करने के दौरान, मसौदा और अंतिम दोनों मतदाता सूचियां कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गईं थी और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपील योग्य थीं। इसमें कहा गया है, ‘‘कांग्रेस द्वारा सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शायद ही कोई अपील दायर की गई।''
निर्वाचन आयोग ने बताया कि 2024 के संसदीय चुनाव में, हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 80 के तहत केवल आठ चुनाव याचिकाएं दायर की गई थीं। इसमें कहा गया है, ‘‘श्री राहुल गांधी ने बार-बार निराधार और भ्रामक आरोप लगाए हैं, जिनमें ‘वोट चोरी' जैसे निराधार दावे भी शामिल हैं, और उन्होंने देशभर के लाखों मेहनती चुनाव अधिकारियों को धमकी दी है।''
इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि इन निराधार आरोपों का उद्देश्य उनकी निष्पक्ष और पारदर्शी कड़ी मेहनत को बदनाम करना, चुनाव मशीनरी पर अनुचित दबाव डालना और यहां तक कि मतदाता सूची के खिलाफ अपील दायर किए बिना उन्हें धमकाना है।'' निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने गांधी को 12 जून 2025 को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। इसने कहा, ‘‘अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।''