वोट चोरी में भाजपा से मिला है चुनाव आयोग : राहुल
कर्नाटक के एक विस क्षेत्र के आंकड़ों का दिया हवाला
सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्राॅनिक सूची मांगी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि 'वोट चोरी' में वह भाजपा से मिला है। उन्होंने यहां संवाददाताओं के समक्ष कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची के आंकड़ों की प्रस्तुति दी और धांधली का दावा किया। राहुल ने बताया कि सबूत एकत्र करने में छह महीने लग गए। राहुल गांधी ने कहा, 'देश के युवाओं का वोट चोरी किया जा रहा है। हमारे पास 100 प्रतिशत सबूत हैं। निर्वाचन आयोग को मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची हमें दे देनी चाहिए। यह सभी विपक्षी दलों की मांग है।'
राहुल गांधी ने कहा कि उनकी टीम ने बेंगलुरू मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के डाटा का विश्लेषण किया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा यहां के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह में पिछड़ गई, लेकिन महादेवपुरा में उसे एकतरफा वोट मिला। राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में यहां 1,00,250 मतों की चोरी की गई जबकि यह सीट भाजपा ने 32,707 मतों के अंतर से जीती। उन्होंने कहा, ‘यहां 11,965 डुप्लीकेट वोटर बनाए गए, 40,009 फर्जी पतों का इस्तेमाल हुआ 10,452 वोटरों को एक ही पते पर पंजीकृत किया गया, 4,132 वोटर फर्जी फोटो के साथ सूची में जोड़े गए। 33,692 नए वोटर फॉर्म-6 का गलत इस्तेमाल कर जोड़े गए।'
उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि सर्वेक्षण कुछ कह रहे थे, लेकिन नतीजे कुछ और हो गए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जब ईवीएम नहीं था तो पूरा देश एक दिन वोट करता था, लेकिन आज के जमाने में कई चरणों में मतदान होता है...ऐसे में लंबे समय से संदेह की स्थिति थी।' राहुल गांधी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों के भीतर इतने मतदाताओं के नाम जोड़ दिए गए, जो पहले पांच साल की अवधि में नहीं जोड़े गए थे। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान एक करोड़ मतदाता बढ़ गए। हम निर्वाचन आयोग के पास गए...हमने पूरी निश्चितता के साथ यह कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव की चोरी की गई।' उनके अनुसार, निर्वाचन आयोग ने ‘मशीन से पढ़ने योग्य' (मशीन रीडबल) मतदाता सूची देने से इनकार कर दिया।
शपथपत्र और हटाए गए नामों के साथ हमारे पास आएं : सीईओ
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने राहुल से उन मतदाताओं के नाम साझा करने को कहा, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है कि उन्हें राज्य की मतदाता सूची में गलत तरीके से शामिल किया गया है या बाहर रखा गया है।
साथ ही, उन्होंने हस्ताक्षरित शपथपत्र भी मांगा। इस संबंध में जारी पत्र में कहा गया, 'आपसे अनुरोध है कि कृपया मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के अंतर्गत संलग्न घोषणा/शपथ पर हस्ताक्षर करें तथा उसे मतदाता(ओं) के नाम सहित वापस भेजें, ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।'