वोटर प्रामाणिकता तय करना निर्वाचन आयोग का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी मतदाता सूची रिवीजन से जुड़े विवाद को ‘मोटे तौर पर विश्वास की कमी का मुद्दा' बताया। शीर्ष अदालत ने कहा कि मतदाता सूची में नागरिकों एवं गैर-नागरिकों को शामिल करना या बाहर करना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने राजद और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा दायर याचिकाओं सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। पीठ ने याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा, ‘नागरिकता देने या छीनने का कानून संसद द्वारा पारित किया जाता है, लेकिन नागरिकों और गैर-नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना और बाहर करना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है।'
शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से सहमति जताई कि आधार और मतदाता पहचान पत्र को नागरिकता के निर्णायक प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। सिंघवी के एक सवाल पर पीठ ने कहा कि यदि कुछ भी संदिग्ध पाया गया तो वह 2025 की सूची में शामिल सभी लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने का निर्देश दे सकती है। राजद नेता मनोज झा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जब कहा कि लोगों को अपने माता-पिता के जन्म प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज खोजने में कठिनाई हो रही है, तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘यह बहुत ही चलताऊ बयान है कि बिहार में किसी के पास दस्तावेज नहीं हैं।' गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस प्रक्रिया के पूरा होने की समयसीमा और उन 65 लाख मतदाताओं के आंकड़ों पर सवाल उठाया।
राजनीतिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए आंकड़ों पर सवाल उठाया। पीठ ने कहा कि यदि कोई अनजाने में त्रुटि हो जाए तो उसमें सुधार किया जा सकता है, क्योंकि यह अभी केवल मसौदा तैयार करने का चरण है। आगे की सुनवाई बुधवार को होगी।
संसद भवन परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन, राहुल बोले- पिक्चर अभी बाकी है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अभी पिक्चर बाकी है।’ इस बीच, निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया के खिलाफ विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी सहित कई सांसद सफेद टी-शर्ट पहने नजर आए, जिस पर ‘मिंता देवी’ और उनकी तस्वीर छपी थी और पीछे ‘124 नॉट आउट’ लिखा था। जो कथित तौर पर राज्य की मतदाता सूची में दर्ज पायी गयी है।
संसद ठप, राज्यसभा में नड्डा-खड़गे में तीखी बहस
मतदाता सूची रिवीजन मुद्दे पर मंगलवार को भी संसद ठप रही। इस बीच, राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा एवं नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे में तीखी बहस हुई। खड़गे ने कहा कि चर्चा की अनुमति नहीं दिया जाना संविधान के विरूद्ध होगा। इसके बाद सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार संसद को सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए सोची-समझी चाल है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को स्वस्थ लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम अड़चन डालने, अराजकता की अनुमति नहीं देंगे।