नयी दिल्ली (एजेंसी) :
भ्रष्टाचार में लिप्त गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की पहचान करने के लिए जारी ‘सफाई’ अभियान के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने की शक्ति हासिल करने के लिए नये सिरे से प्रयास शुरू किया है। चुनाव कानून निर्वाचन आयोग को लोगों के समूह को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने की शक्ति प्रदान करता है, लेकिन इसे पंजीकरण रद्द करने का अधिकार नहीं देता। समझा जाता है कि हाल ही में केंद्रीय विधायी सचिव के साथ बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों का पंजीकरण समाप्त करने के लिए अधिकार दिये जाने पर जोर दिया था। आयोग का मानना है कि कई राजनीतिक दल पंजीकृत हो जाते हैं, लेकिन कभी चुनाव नहीं लड़ते, ऐसे दल सिर्फ कागजों पर होते हैं। चुनाव आयोग का मानना है कि आयकर छूट का लाभ उठाने के लिए राजनीतिक दल बनाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। आयोग ने हाल ही में कुल 198 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपने रजिस्टर से हटा दिया था, क्योंकि ‘सफाई अभियान’ के दौरान इन दलों का कोई अस्तित्व नहीं पाया गया था। हाल ही में चुनाव आयोग ने कहा था कि गंभीर वित्तीय अनियमितता में शामिल तीन ऐसे दलों के खिलाफ कानूनी और आपराधिक कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को पत्र भी भेजा गया है।