एडिटर्स गिल्ड ने Youtuber को अदाणी एंटरप्राइजेज संबंधी कंटेंट हटाने के आदेश को 'परेशान करने वाला' बताया
कई पत्रकारों और कंटेंट क्रिएटर ने कहा कि उन्हें अदालत के आदेश के बाद अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) से संबंधित "गैर सत्यापित और प्रत्यक्ष रूप से मानहानिकारक'' सामग्री को हटाने के संबंध में सोशल मीडिया मंच और सरकार से नोटिस मिले हैं। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस घटनाक्रम को "परेशान करने वाला" बताया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) ने दिल्ली की एक अदालत के हालिया आदेश पर "गहरी चिंता" जतायी, जिसमें नौ पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और इकाइयों को एईएल के बारे में "गैर सत्यापित, अप्रमाणित और प्रत्यक्ष रूप से मानहानिकारक" रिपोर्ट प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक दिया गया और ऐसी सामग्री को पांच दिनों के भीतर हटाने का निर्देश दिया गया।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘अधिक चिंताजनक बात यह है कि यह आदेश कॉर्पोरेट इकाई को किसी भी ऐसी सामग्री के यूआरएल और लिंक को सोशल मीडिया कंपनी या सरकारी एजेंसियों को अग्रेषित करने का अधिकार देता है, जिसे वह मानहानिकारक मानती है तथा ऐसी सामग्री को 36 घंटे के भीतर हटाने के लिए बाध्य होते हैं।''
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कार्रवाई को भी "समान रूप से परेशान करने वाला" बताया, जिसने यूट्यूब और इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया मंचों को नोटिस जारी करके 138 से अधिक यूट्यूब लिंक और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट को हटाने का आदेश दिया।
बयान में कहा गया है कि गिल्ड चिंतित है कि किसी कॉर्पोरेट इकाई को दी गई ऐसी व्यापक शक्तियां, साथ ही हटाने के निर्देश जारी करने में मंत्रिस्तरीय कार्रवाई, सेंसरशिप की ओर एक कदम है।
गिल्ड ने कहा, ‘‘एक स्वतंत्र और निडर प्रेस लोकतंत्र के लिए अपरिहार्य है। कोई भी व्यवस्था जो निजी हितों को आलोचनात्मक या असहज आवाज़ों को एकतरफा रूप से चुप कराने की अनुमति देती है, जनता के जानने के अधिकार के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करती है।''
यूट्यूब चैनल 'देशभक्त' चलाने वाले व्यंग्यकार आकाश बनर्जी ने कहा कि उन्हें और अन्य स्वतंत्र यूट्यूबर्स को आदेश का विरोध करने का कोई अवसर दिए बिना 200 से अधिक सामग्री हटाने के लिए 36 घंटे का समय दिया गया है।