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Economic Growth Rate : आर्थिक हालात पर कांग्रेस का हमला, कहा- उच्च विकास दर टिकाऊ नहीं

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत थी
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आर्थिक विकास दर के ताजा आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। उच्च आर्थिक विकास की दर टिकाऊ नहीं है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी की अपनी वार्षिक समीक्षा में देश के सकल घरेलू उत्पाद और सकल मूल्य वर्धित सहित महत्वपूर्ण आंकड़ों को ‘सी' ग्रेड दिया है।

शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी जो पिछली छह तिमाहियों में सर्वाधिक है। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत थी।

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रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि यह विडंबना है कि विकास दर के तिमाही आंकड़े उस वक्त जारी किए गए जब आईएमएफ की रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के वार्षिक मूल्यांकन में भारत के राष्ट्रीय खातों के आंकड़ों को ‘सी' श्रेणी में रखा है जो दूसरी सबसे निचली श्रेणी में हैं। आंकड़ों की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। सकल स्थिर पूंजी निर्माण में कोई वृद्धि नहीं हुई है। निजी निवेश में किसी भी नई गति के अभाव में उच्च जीडीपी विकास दर टिकाऊ नहीं है। यह स्पष्ट रूप से साक्ष्य में नहीं है।

रमेश ने कहा कि आंकड़ों में मुद्रस्फीति जो स्थिति है वो दैनिक उपभोग की वस्तुओं में मूल्य वृद्धि के बोझ तले दबे करोड़ों परिवारों के अनुभवों से पूरी तरह भिन्न है। आईएमएफ ने कहा है कि 2025-26 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साथ ही, उसने यह भी कहा कि जीएसटी सुधारों से देश को अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है।

आईएमएफ ने अपने कार्यकारी निदेशक मंडल द्वारा भारत के लिए वार्षिक आकलन पूरा करने के बाद बयान में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि के बाद, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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