Dussehra 2025 : महलों का शहर मैसूर दशहरा उत्सव के लिए तैयार, शाही वैभव की देखने को मिलेगी झलक
वर्ष का वह समय एक बार फिर आ गया है, जब यह ऐतिहासिक नगरी सालाना दशहरे की तैयारियों में रंग-बिरंगी रोशनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सज उठती है। वर्ष 1610 में शुरू हुई नवरात्रि पर्व की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शहर में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की शृंखला आरंभ हो गई है, जो न सिर्फ स्थानीय निवासियों बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
नाडा हब्बा' (राज्य उत्सव) के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व में इस बार कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के साथ-साथ शाही वैभव की झलक भी देखने को मिलेगी। इसी बीच, इस बार के मैसूर दशहरा समारोह के उद्घाटन को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया, क्योंकि राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को आमंत्रित किया है।
चंद्र पंचांग के अनुसार इस वर्ष का ग्यारह दिवसीय दशहरा उत्सव 22 सितंबर से शुरू होकर विजयादशमी यानी 2 अक्टूबर को समाप्त होगा। दशहरा को इस क्षेत्र का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। त्योहार तत्कालीन मैसूर राजवंश के शाही संरक्षण में मनाया जाता था। अब यह त्योहार कर्नाटक सरकार के तत्वावधान में मनाया जाता है।
मुश्ताक 22 सितंबर को सुबह 10:10 से 10:40 के शुभ वृश्चिक लग्न में चामुंडी हिल्स स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर में वेद मंत्रोच्चार के बीच देवी चामुंडेश्वरी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दशहरा समारोह का उद्घाटन करेंगी।