नयी दिल्ली, 14 जनवरी (एजेंसी) महामारी की तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले 75 प्रतिशत मरीज ऐसे थे, जिन्होंने टीके नहीं लगवाए थे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की इस दौरान मौत हुई उन्हें कोई न कोई गंभीर बीमारी थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज कोरोना के 25 हजार से कम मामले सामने आ सकते हैं। संक्रमितों के लिए आरक्षित 13000 (88 प्रतिशत) बिस्तर खाली हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।