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Durga Puja 2025 : बंगाल में महानवमी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, कलात्मक पंडालों की चमक से वातावरण गूंजायमान

मौसम विभाग द्वारा शाम से हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी से अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है

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Durga Puja 2025 : पूरे पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा अपने चरम पर है। ढाक (ढोल) की थाप, धूपबत्ती की सुगंध और कलात्मक पंडालों की चमक से वातावरण गूंजायमान है। दुर्गा पूजा का अंतिम दिन ‘महानवमी' अपने पूरे वैभव के साथ मनाई जा रही है।

लाखों श्रद्धालु सुबह से ही पंडालों की ओर उमड़ रहे हैं। हालांकि, मौसम विभाग द्वारा शाम से हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी से अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है, परंतु इससे उत्सव के उत्साह पर कोई असर नहीं पड़ा है। कोलकाता तथा अन्य जिलों में पंडालों के बाहर लोगों की कतारें लगी हुई हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र तीव्र होकर अवदाब (डिप्रेशन) में बदल सकता है, जिससे नवमी की रात से हल्की बारिश और दशमी की दोपहर से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है।

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बंगाल में सुबह से ही पंडाल आगंतुकों से भर गए, कुछ लोग देवी के सामने मौन प्रार्थना में हाथ जोड़ रहे थे। अन्य मूर्तियों की शिल्पकला और जीवंत ‘थीम' को निहार रहे थे। कई लोगों के लिए नवमी का त्योहार अनुष्ठानों के साथ-साथ पुरानी यादों और एकजुटता का भी प्रतीक है। सियालदह के ‘संतोष मित्रा चौक' पर ‘ऑपरेशन सिंदूर' की थीम पर आयोजित कार्यक्रम में पुलिस की पाबंदियों और दिन में प्रकाश एवं ध्वनि शो स्थगित होने के बावजूद भीड़ उमड़ पड़ी। समिति के सचिव सजल घोष ने कहा कि सुबह से प्रतीक्षा समय दो घंटे से अधिक हो गया है। इसी तरह की भीड़ ताला पार्क, त्रिधारा, चेतला अग्रणी, एकदलीय एवरग्रीन, 95 पल्ली जोधपुर पार्क, काशी बोस लेन, बाघबाजार सर्बोजोनिन, मुदियाली, केंदुआ शांति संघ पतुली और श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब जैसे प्रतिष्ठित पूजा पंडालों में भी देखने को मिली।

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सॉल्ट लेक क्षेत्र के शिव मंदिर सर्बोजोनिन पूजा समिति के पदाधिकारी पार्थ घोष ने कहा कि पिछले 3 दिनों में उनके पंडाल में हजारों लोग आए हैं। बारिश की संभावना के बावजूद, हमें उम्मीद है कि आज कम से कम 20,000 लोग हमारे पंडाल में आएंगे। पारंपरिक अनुष्ठानों ने इस दिन को अपना पवित्र आयाम प्रदान किया। बारिश में 400 साल पुराने सबर्णा रॉयचौधरी पूजा स्थल पर कुमारी पूजा की गई, जबकि मुदियाली में भी इसी तरह का समारोह आयोजित किया गया। नवमी पूजा देखने के लिए हजारों लोग रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में उमड़ पड़े। सामुदायिक भोज और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने कई क्षेत्रों और अपार्टमेंट परिसरों में उत्सव के माहौल को और भी अधिक बढ़ा दिया।

करीब 6 दशक से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही ‘नाकतला नबापल्ली सर्बोजनिन पूजा समिति' के एक सदस्य ने कहा कि हम मौसम के पूर्वानुमान की परवाह किए बिना स्थानीय भागीदारी के साथ फैशन शो सहित अपने कार्यक्रमों को जारी रख रहे हैं। इन पांच दिनों के दौरान कोई भी क्षेत्र से बाहर नहीं जाता है। शाम को संध्या आरती की भव्यता देखते ही बनती है, जब शंख, ‘उलुध्वनि' और समकालिक ढाक की थाप पूरे राज्य में गूंजती है। दक्षिण कोलकाता में पूजा स्थल के पास इंतजार कर रहे कॉलेज छात्र अभिजीत दत्ता ने कहा कि नवमी के दिन आरती उत्सव के चरमोत्कर्ष जैसी लगती है। पंडाल के अंदर की ऊर्जा मन मस्तिष्क को प्रभावित करती है।

इस वर्ष के उत्सव को वैश्विक मान्यता भी मिली। वर्ष 2021 में, ‘‘कोलकाता में दुर्गा पूजा'' को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया, जिससे इस उत्सव के पैमाने और भावना को दुनिया भर में मान्यता मिली। दक्षिण कोलकाता में पूजा के एक आयोजक ने कहा कि यूनेस्को की मान्यता के बाद, हम पवित्रता और भव्यता को बनाए रखने की अतिरिक्त जिम्मेदारी महसूस करते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवमी के अवसर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं। अपने एक पूजा गीत का संगीत वीडियो पोस्ट किया, जिसके बोल उन्होंने लिखे हैं और इमान चक्रवर्ती ने उसे स्वर दिया है।

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