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Drug Tragedy पंजाब के गांव में नशे का कहर : 48 घंटे में चार युवाओं की मौत, सड़क पर फूटा गुस्सा

गांव में पसरा मातम, परिवारों की चीखें गूंजीं

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लक्खो के बहराम गांव में नशे से मरे युवकों के परिजन और ग्रामीण बुधवार शाम फिरोजपुर-फाजिल्का हाईवे पर शव रखकर जाम लगाते हुए।
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पंजाब में नशे का जहर एक बार फिर मौत का तांडव बनकर सामने आया है। फिरोजपुर-फाजिल्का मार्ग पर बसे लक्खो के बहराम गांव में महज 48 घंटे के भीतर चार युवाओं की असमय मौत ने पूरे इलाके को हिला दिया। सभी मृतक 20 से 25 वर्ष की आयु के थे। मंगलवार को एक युवक की जान गई, वहीं बुधवार को कुछ ही घंटों में तीन और युवा जिंदगी की जंग हार बैठे। लगातार हुई मौतों से परिवार और गांव सदमे में डूब गए हैं।

गांव के कुलवंत सिंह ने बताया, ‘यह पहली बार है कि दो दिन में चार युवाओं की मौत हो गई। ये अलग-अलग परिवारों से थे, एक-दूसरे से जुड़े नहीं थे, लेकिन हर किसी का सपना उजड़ गया।’ ग्रामीणों के मुताबिक मौतों की वजह लंबे समय से चल रही नशे की लत है। पुलिस का कहना है कि दो युवक बीमार होकर बिस्तर पर थे और धीरे-धीरे उनकी हालत बिगड़ने से मौत हुई।

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दर्दनाक कहानी

मृतकों की पहचान संदीप सिंह, रमणदीप सिंह उर्फ राजन, रणदीप सिंह और उमेद सिंह उर्फ उमेदू के रूप में हुई है। सभी का नशे से जुड़ा पुराना इतिहास रहा और कई बार नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती हुए, लेकिन सुधार संभव नहीं हुआ।

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रमणदीप सिंह ने कथित तौर पर गोलियों को निगलने की बजाय इंजेक्शन के जरिए शरीर में डाल लिया। बुधवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। रणदीप सिंह और उमेद सिंह ने भले नशा छोड़ दिया था, लेकिन सेहत इतनी बिगड़ चुकी थी कि मौत ने उन्हें घेर लिया।

उमेदू ने नशे के लिए घर का फर्नीचर तक बेच डाला। मां-बाप पहले ही गुजर चुके थे, पत्नी भी बच्चा लेकर छोड़ गई। महीनों से बिस्तर पर पड़ा रहा और आखिरकार मौत के आगोश में चला गया।

सड़क जाम कर निकाला आक्रोश

चार मौतों से गुस्साए परिजन और ग्रामीण शवों को सड़क पर रखकर तीन घंटे तक फिरोजपुर-फाजिल्का हाईवे जाम करते रहे। उन्होंने गांव की सात मेडिकल शॉप्स पर अवैध रूप से नशीली दवाइयां बेचने का आरोप लगाया।

गांव की पंचायत सदस्य सुखदीप कौर ने कहा, ‘मेरे बेटे की पिछले साल नशे से मौत हुई थी। आज भी कई परिवार तबाह हो चुके हैं। पुलिस कार्रवाई का दावा करती है, लेकिन मेडिकल शॉप्स खुलेआम धंधा चला रही हैं।’

नशे की जड़े गहरी, खत्म करने में लगेगा समय : एसपी (डी)

एसपी (डी) मंजीत सिंह ने कहा, ‘कई पुराने नशेड़ी नशा छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नाकाम हो जाते हैं। पुलिस लगातार युवाओं को नशा मुक्ति केंद्रों में भेज रही है।’ उन्होंने कहा कि नशे की जड़ें गहरी हैं और इसे खत्म करने में समय लगेगा।

फार्मेसी शॉप्स पर कार्रवाई को लेकर उन्होंने बताया कि कई दुकानें बंद करवाई गई हैं और स्वास्थ्य विभाग को छापेमारी के लिए लगाया गया है।  विडंबना यह है कि लगभग 4500 आबादी वाले इस गांव में अस्पताल या क्लिनिक नहीं है, लेकिन सात मेडिकल शॉप्स चल रही हैं। इन्हीं दुकानों को ग्रामीण नशे के फैलाव के लिए जिम्मेदार मानते हैं।

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