बीएसएफ के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में ड्रोन युद्ध शामिल
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को अद्यतन किया है और बीएसएफ जवानों एवं अधिकारियों के लिए ड्रोन युद्ध को एक अनिवार्य विषय के रूप में जोड़ा है। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद नये युग के युद्ध...
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सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को अद्यतन किया है और बीएसएफ जवानों एवं अधिकारियों के लिए ड्रोन युद्ध को एक अनिवार्य विषय के रूप में जोड़ा है। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद नये युग के युद्ध के लिए स्वदेशी उपकरण विकसित करने के उद्देश्य से एक नवाचार केंद्र भी स्थापित किया है।
ग्वालियर के निकट टेकनपुर स्थित लगभग 2.70 लाख कर्मियों वाले बीएसएफ के शीर्ष अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी ने रुस्तमजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरजेआईटी) के छात्रों के लिए एक ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला भी बनाई है। यह संस्थान केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत अर्द्धसैनिक बल द्वारा संचालित एकमात्र उच्च शिक्षा संस्थान है। बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारत की 6,000 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा की पहरेदारी करता है, साथ ही विशेष अभियानों के लिए गृह मंत्रालय की वायु शाखा का संचालन भी करता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, बीएसएफ ने ड्रोन हमलों, गोलाबारी का मुकाबला किया और सीमा पर पाकिस्तानी ठिकानों पर प्रभावी गोलाबारी की।
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