समुद्री जल का खारापन कम करेगी डीआरडीओ की पॉलीमर झिल्ली
नयी दिल्ली, 15 मई (एजेंसी)
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने उच्च दबाव वाले समुद्री जल के खारेपन को कम करने (विलवणीकरण) के लिए स्वदेशी स्तर पर बेहद सूक्ष्म छिद्रों वाली बहुपरतीय पॉलीमर झिल्ली विकसित करने में कामयाबी हासिल की है।
अधिकारियों ने बताया कि यह प्रौद्योगिकी डीआरडीओ की कानपुर स्थित प्रयोगशाला रक्षा सामग्री भंडार और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने विकसित की है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी भारतीय तटरक्षक बल के जहाजों में खारे पानी का विलवणीकरण करने वाले संयंत्र के लिए विकसित की गई है।
मंत्रालय ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी को जहाजों की परिचालन जरूरतों के मद्देनजर खारे पानी में क्लोराइड आयन के संपर्क में आने पर संतुलन संबंधी चुनौतियों से निपटने में उनकी मदद करने के लिए ईजाद किया गया है। इसे आठ महीने के रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है। बताया गया कि कुछ बदलावों के बाद यह झिल्ली तटीय क्षेत्रों में समुद्री जल के विलवणीकरण के लिए वरदान साबित होगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में डीएमएसआरडीई का एक और बड़ा कदम है।