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Donald Trump Controversy : कांग्रेस का बीजेपी पर तीखा आरोप, कहा - नेहरू-विरोध की आड़ में सच्चाई से भाग रहे पीएम मोदी?

सवालों से ध्यान भटकाने के लिए नेहरू-विरोध में लगे हैं तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने के महारथी: कांग्रेस
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जयराम रमेश। फाइल फोटो पीटीआई
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नई दिल्ली, 27 मई (भाषा)

Donald Trump Controversy : कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ‘स्वयंभू सर्वोच्च नेता' और इतिहास के ‘मास्टर डिस्टोरियन' (तोड़ने-मरोड़ने के महारथी) गंभीर सवालों से ध्यान भटकाने के लिए नेहरू-विरोध में सक्रिय हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान ‘संघर्षविराम' पर पिछले 11 दिनों में 8 बार दिए गए बयानों पर हमारे प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं?

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रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘आज पंडित नेहरू की पुण्यतिथि है और आज के दिन भी देश के स्वयंभू सर्वोच्च नेता और इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वाले ‘मास्टर डिस्टोरियन' नेहरू-विरोध में सक्रिय हैं। यह बेहद दुखद और निंदनीय प्रयास है उन गंभीर सवालों से ध्यान भटकाने का, जिनका जवाब उन्हें देना चाहिए।''

उन्होंने कहा कि आखिर क्यों पहलगाम में हुए क्रूरतम आतंकी हमले के दोषी आतंकी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि खबरों के मुताबिक वही आतंकी पुंछ (दिसंबर 2023), गंगगीर (अक्टूबर 2024) और गुलमर्ग (अक्टूबर 2024) के हमलों में भी शामिल थे? रमेश ने सवाल किया, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम को लेकर पिछले 11 दिनों में 8 बार दिए गए बयानों पर हमारे प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं, वह भी तब जब उन्हीं बयानों के कारण ‘ऑपरेशन सिंदूर' को रोकना पड़ा?''

उन्होंने दावा किया कि चीन और पाकिस्तान के बीच गहराता सैन्य गठजोड़ अब पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट हो चुका है, फिर भी प्रधानमंत्री चुप हैं तथा चीन को उन्होंने 19 जून 2020 को सार्वजनिक मंच से क्लीन चिट दी थी और चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है।

कांग्रेस नेता ने यह सवाल भी किया, ‘‘भारत को बार बार पाकिस्तान के साथ एक ही तराजू में रखे जाने पर और पाकिस्तान को अलग-थलग करने की हमारी कूटनीति तथा वैश्विक विमर्श की विफलता पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?'' इससे पहले, रमेश ने एक अन्य पोस्ट में दावा किया था कि नेहरू अधिकार-संपन्न होते हुए भी अधिनायकवादी नहीं हुए तथा उन्हें खुद को साबित करने के लिए खोखले दावों एवं वादों की जरूरत नहीं थी जबकि ‘‘देश 26 मई 2014 से'' यह सब ‘‘देख रहा'' है।

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