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Doctor पत्नी के पेट में था दर्द, सर्जन बन गया हैवान... बेंगलुरू में एनेस्थीसिया से रची खौफनाक साजिश

Bengaluru Doctor Couple: मई 2024 में हुई थी शादी, अप्रैल 2025 में दिया खौफनाक अंजाम

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डॉक्टर दंपत्ति की फाइल फोटो। स्रोत सोशल मीडिया
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Bengaluru Doctor Couple: बेंगलुरु के मेडिकल समुदाय को हिला देने वाला एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 32 वर्षीय सर्जन ने अपनी ही डॉक्टर पत्नी की हत्या एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) की घातक मात्रा देकर कर दी। पुलिस ने आरोपी सर्जन डॉ. महेंद्र रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया है। वह विक्टोरिया अस्पताल में जनरल सर्जन के पद पर तैनात था।

आरोप है कि डॉ. महेंद्र ने अपनी पत्नी त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. कृतिका रेड्डी (28) की हत्या बेहद सुनियोजित तरीके से की। फॉरेंसिक रिपोर्ट में कृतिका के शरीर में एनेस्थीसिया के तत्व पाए जाने के बाद यह मामला हत्या में तब्दील हुआ।

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एक साल भी नहीं चला विवाह

दोनों की शादी 26 मई 2024 को हुई थी। पुलिस के अनुसार, शादी के कुछ ही महीनों बाद महेंद्र को पता चला कि कृतिका को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं थीं, जिनकी जानकारी शादी से पहले उसके परिवार ने नहीं दी थी। इसके बाद पति-पत्नी के बीच मतभेद बढ़ने लगे।

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इलाज के बहाने हत्या की साजिश

जांच में सामने आया कि 21 अप्रैल को महेंद्र ने घर पर कृतिका को पेट दर्द के इलाज के नाम पर इंजेक्शन लगाया। अगले दिन वह उसे यह कहकर उसे  उसके मायके मराठाहल्ली ले गया कि उसे आराम की जरूरत है। 23 अप्रैल को कृतिका ने इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द की शिकायत की, लेकिन महेंद्र ने उसे व्हाट्सएप पर सलाह दी कि इंजेक्शन न निकाले। उसी रात वह फिर गया और दूसरी बार दवा दी। 24 अप्रैल की सुबह कृतिका को बेहोश पाया गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

फॉरेंसिक रिपोर्ट ने खोला राज

शुरुआत में इसे अचानक हुई मौत माना गया, लेकिन पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच में शरीर में एनेस्थीसिया के रासायनिक तत्व मिले। इसके बाद कृतिका के पिता के. मुनी रेड्डी की शिकायत पर मामला हत्या में बदल दिया गया। उनका कहना है, “हमारी बेटी ने प्यार और विश्वास से शादी की थी, लेकिन उसे उसी व्यक्ति ने धोखा दिया जिस पर उसने सबसे अधिक भरोसा किया।”

‘क्लीनिकल प्रिसीजन’ से रची गई साजिश

डीसीपी (व्हाइटफील्ड) एम. परशुराम ने बताया कि आरोपी ने अपने मेडिकल ज्ञान और दवाओं तक पहुंच का दुरुपयोग कर यह हत्या बड़ी सावधानी से की। उसे अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (हत्या) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

डॉ. कृतिका 4 मई को अपनी खुद की क्लिनिक ‘स्किन एंड स्कैल्पेल’ शुरू करने वाली थीं। वे वायदेही इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नवोदया मेडिकल कॉलेज और एनबीईएमएस से प्रशिक्षित थीं।

विक्टोरिया अस्पताल में उनके सहयोगियों ने कहा, “कृतिका महत्वाकांक्षी, संवेदनशील और ऊर्जावान थीं। यह सोचकर दिल टूट जाता है कि उनकी जान उसी व्यक्ति ने ले ली जिसे वह सबसे अधिक चाहती थीं।”

बेंगलुरु पुलिस आयुक्त सीमांत कुमार सिंह ने जांच दल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने “एक मेडिकल त्रासदी के रूप में छिपे हत्या के मामले को उजागर कर न्याय का मार्ग प्रशस्त किया है।”

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