हरियाणा में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की दो घंटे की पेन-डाउन हड़ताल, OPD सेवाएं रहीं बंद
Haryana Doctors Strike: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMSA) के बैनर तले राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने गुरुवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक पेन-डाउन हड़ताल की। इस दौरान OPD सेवाएं...
Haryana Doctors Strike: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMSA) के बैनर तले राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने गुरुवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक पेन-डाउन हड़ताल की। इस दौरान OPD सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं, हालांकि आपातकाल, लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर प्रभावित नहीं हुए।
यह हड़ताल मूल रूप से मंगलवार को तय थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुरुक्षेत्र दौरे के चलते इसे टाल दिया गया था। एसोसिएशन की मांग है कि SMO की सीधी भर्ती रोकी जाए, ACP संरचना लागू की जाए।
एसोसिएशन का प्रमुख आग्रह है कि सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) के पदों पर सीधी भर्ती तुरंत रोकी जाए। संशोधित एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) संरचना, जिसे मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन वित्त विभाग में लंबित है, उसको जल्द जारी किया जाए।
HCMSA के राज्य कोषाध्यक्ष डॉ. दीपक गोयल ने बताया, “आपातकाल, लेबर रूम और ऑपरेशन को छोड़कर सभी OPD सेवाएं दो घंटे के लिए बंद रहीं।”
मरीजों को हुई भारी परेशानी
हड़ताल के कारण जिला भर में सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उचाना के रघबीर सिंह ने कहा, “हमें बहुत परेशानी हुई। हमें हड़ताल की कोई जानकारी नहीं थी।” झिंझारी के ओमप्रकाश ने बताया, “हम सुबह से लाइन में खड़े हैं। अगर पता होता तो आते ही नहीं। डॉक्टरों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए।”
डॉ. गोयल ने कहा कि सरकार द्वारा SMO की सीधी भर्ती का प्रस्ताव बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “3 जून 2021 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आदेश दिया था कि SMO की सीधी भर्ती नहीं होगी और मौजूदा डॉक्टरों को प्रमोशन के आधार पर ही पदोन्नत किया जाएगा। अब सरकार फिर से सीधी भर्ती की योजना बना रही है, जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं।”
ACP लागू होने पर वेतनमान बढ़ेगा
एसोसिएशन ने ACP संरचना लागू न होने पर भी नाराजगी जताई, जिसके लागू होने पर डॉक्टरों का वेतनमान 8,700 से बढ़कर 9,500 हो जाएगा, जिससे उन्हें मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों के बराबर पे-स्केल मिलेगा।

