नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (एजेंसी)
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कोरोना के मामूली लक्षण वाले रोगियों के गृह पृथक-वास से संबंधित संशोधित दिशानिर्देश जारी किये। इसमें घर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने या लगाने का प्रयास नहीं करने की सलाह दी गयी है। मंत्रालय ने कहा कि इसे केवल अस्पताल में ही लगाया जाना चाहिए। दिशानिर्देश में कहा गया है कि मामूली लक्षण में स्टेरॉयड नहीं दिया जाना चाहिए और 7 दिन के बाद भी अगर लक्षण बने रहते हैं (लगातार बुखार, खांसी आदि) तो डॉक्टर से विचार-विमर्श कर कम डोज का ओरल स्टेराॅयड लेना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के रोगी, हाइपरटेंशन, मधुमेह, हृदय, फेफड़े, लिवर या गुर्दे की बीमारियों से पीड़ित लोगों को चिकित्सक के परामर्श से ही गृह पृथक-वास में रहना चाहिए। ऑक्सीजन स्तर में कमी या सांस लेने में दिक्कत आने पर लोगों को अस्पताल में भर्ती होना चाहिए, डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए। मामूली लक्षण वाले रोगियों को सांस लेने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए और उनकी ऑक्सीजन सांद्रता 94 फीसदी से अधिक होनी चाहिए। संशोधित दिशानिर्देश के मुताबिक रोगी गर्म पानी का कुल्ला कर सकता है या दिन में 2 बार भाप ले सकता है। अगर पैरासीटामोल 650 एमजी दिन में 4 बार लेने से बुखार नियंत्रण में नहीं आता, तो चिकित्सक से परामर्श लें, जो अन्य दवाएं जैसे दिन में 2 बार नैप्रोक्सेन 250 एमजी लेने की सलाह दे सकता है। आइवरमैक्टीन (प्रतिदिन 200 एमजी प्रति किलोग्राम खाली पेट) 3 से 5 दिन देने पर विचार किया जा सकता है। पांच दिनों के बाद भी लक्षण रहने पर इनहेलेशन बडसोनाइड दिया जा सकता है।