दशहरे से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गये। केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में जहां 3 फीसदी बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई, वहीं किसानों के लिए गेहूं समेत छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। इसके साथ ही देश में 57 नये केंद्रीय विद्यालय खोलने को हरी झंडी दी गई। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर देश भर में जश्न मनाने का फैसला भी कैबिनेट बैठक में हुआ।
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिवाली से पहले तोहफा देते हुए उनका महंगाई भत्ता (डीए) एवं महंगाई राहत (डीआर) तीन प्रतिशत बढ़ाकर 58 फीसदी कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी। यह वृद्धि गत एक जुलाई से प्रभावी होगी। सरकार के अनुसार, केंद्र के 49.19 लाख कर्मचारियों और 68.72 लाख पेंशनभोगियों को इसका लाभ मिलेगा। डीए और डीआर अभी तक मूल वेतन एवं पेंशन का 55 प्रतिशत था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डीए और डीआर में वृद्धि के कारण राजकोष पर कुल मिलाकर 10,083.96 करोड़ रुपये का सालाना प्रभाव पड़ेगा। यह वृद्धि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है।
गेहूं समेत 6 रबी फसलों के एमएमपी में वृद्धि
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फसल विपणन सत्र 2026-27 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6.59 प्रतिशत एवं 160 रुपये बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने छह रबी फसलों के लिए एमएसपी को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि एमएसपी बढ़ाने का उद्देश्य किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना है।
‘वंदे मातरम्ा्’ के 150 वर्ष, देश भर में मनाया जाएगा जश्न
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्ा्’ के 150 वर्ष पूरे होने का जश्न पूरे देश में मनाने का फैसला किया है। संविधान सभा ने बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा 1876 में रचित ‘वंदे मातरम्ा्’ को राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इसकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए, इसके 150वें वर्ष के उपलक्ष्य में देशव्यापी समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
57 नये केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी, बिहार में खुलेंगे 19
केंद्र ने देशभर में 57 नये केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी है। इनमें से 19 बिहार में खोले जाएंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 57 केद्रीय विद्यालयों में से सात केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा और शेष राज्य सरकारों द्वारा प्रायोजित किए जाएंगे। इनमें से 20 केंद्रीय विद्यालयों को ऐसे जिलों में खोलने का प्रस्ताव है, जहां केंद्र सरकार के कर्मचारियों की महत्वपूर्ण संख्या के बावजूद वर्तमान में कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लिए अनुकरणीय स्कूलों के रूप में, पहली बार इन 57 केवी को बालवाटिकाओं- तीन साल के आधारभूत चरण (प्री-प्राइमरी) के साथ मंजूरी दी गई है। वहीं, बिहार के शिक्षा विभाग की तरफ से बताया गया कि राज्य में 19 नये स्कूलों के साथ राज्य के सभी 38 जिलों में केंद्रीय विद्यालय खुल जाएंगे।
एक अन्य फैसले में सरकार ने जैव-चिकित्सा अनुसंधान करियर कार्यक्रम (बीआरसीपी) के तीसरे चरण को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य 2,000 से अधिक विद्यार्थियों और ‘पोस्ट-डॉक्टरल फेलो’ को प्रशिक्षित करना, उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान को बढ़ावा देना और प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में मदद करना है।