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शतरंज की दुनिया में 'दिव्या' उपलब्धि

महिला विश्व कप और ग्रैंडमास्टर खिताब जीतने वाली भारत की सबसे युवा खिलाड़ी बनीं देशमुख
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बातुमी में सोमवार को दिव्या देशमुख (दाएं) कोनूरू हम्पी के खिलाफ मुकाबले के दौरान। -प्रेट्र
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भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने ‘फिडे महिला विश्व कप’ जीतकर इतिहास रच दिया है। नागपुर की 19 वर्षीय दिव्या यह प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं। उन्होंने सोमवार को यहां हमवतन और अपने से कहीं अधिक अनुभवी कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में हराकर यह उपलब्धि हासिल की। इस जीत के साथ ही वह ग्रैंडमास्टर भी बन गईं, जो टूर्नामेंट की शुरुआत में असंभव लग रहा था। वह ग्रैंडमास्टर बनने वाली सिर्फ चौथी भारतीय महिला और कुल 88वीं खिलाड़ी हैं।

फिडे महिला विश्व कप के इतिहास में पहली बार फाइनल में दो भारतीय आमने-सामने हुईं। दिव्या ने शनिवार और रविवार को खेले गये दो क्लासिकल मुकाबलों के ड्रॉ होने के बाद टाईब्रेकर में जीत दर्ज की। टाईब्रेकर का पहला समूह निर्णायक साबित हुआ, जिसमें हम्पी ने अपना संयम खो दिया। विश्व कप और महिला विश्व चैंपियनशिप को छोड़कर हम्पी ने अंतर्राष्ट्रीय शतरंज में सभी बड़े खिताब जीते हैं। सोमवार को समय नियंत्रित टाईब्रेकर की पहली बाजी में सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने हम्पी को फिर से ड्रॉ पर रोका, लेकिन दूसरी बाजी में काले मोहरों से खेलते हुए उन्होंने दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन को हराकर जीत दर्ज की। दिव्या अब हम्पी, डी. हरिका और आर. वैशाली के साथ देश की ग्रैंडमास्टर बनने वाली महिलाओं की सूची में शामिल हो गई हैं। हम्पी 38 साल की हैं और 2002 में ग्रैंडमास्टर बनीं, जबकि दिव्या का जन्म 2005 में हुआ।

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उम्मीद है कि यह सिर्फ शुरुआत : जीत के बाद भावुक दिव्या अपने आंसू नहीं रोक पाईं। उन्होंने कहा, ‘मुझे इसे (जीत को) समझने के लिए समय चाहिए। मुझे लगता है कि यह नियति की बात थी कि मुझे इस तरह ग्रैंडमास्टर का खिताब मिला, क्योंकि इस (टूर्नामेंट) से पहले मेरे पास एक भी (ग्रैंडमास्टर) नॉर्म नहीं था और अब मैं ग्रैंडमास्टर हूं। यह वाकई बहुत मायने रखता है, लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। मुझे उम्मीद है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है।’

आनंद ने कहा- धैर्य की अद्भुत परीक्षा

पांच बार के पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने दिव्या की जीत की सराहना की और इसे भारतीय शतरंज के लिए महान जश्न करार दिया। आनंद ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘दिव्या देशमुख को विश्व कप जीतने, ग्रैंडमास्टर बनने और कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने पर बधाई। धैर्य की अद्भुत परीक्षा।’

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