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सोलन के मानव मंदिर में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पर चर्चा कल

देशभर के नामी डॉक्टर और न्यूरोलॉजिस्ट करेंगे मंथन
सोलन स्थित इंटीग्रेटेड मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रिहेबिलिटेशन सेंटर (मानव मंदिर)। -निस
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सोलन, 9 अप्रैल (निस)इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (आईएएमडी) के सोलन स्थित इंटीग्रेटेड मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रिहेबिलिटेशन सेंटर (मानव मंदिर) में देशभर के जाने-माने डाक्टर और न्यूरोलॉजिस्ट असाध्य रोग मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पर चर्चा करेंगे। इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी 11 अप्रैल को सोलन में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और संबंधित आनुवंशिक विकारों पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित कर रही है ताकि इस लाईलाज बीमारी से जूझ रहे हजारों लोगों को भविष्य में उपचार की सुविधा मिल सकें।

इस राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। पैनल चर्चाएं दुर्लभ बीमारियों के लिए सरकारी पहल और रोगी देखभाल में परिवार और समुदाय के समर्थन की भूमिका पर केंद्रित होंगी।

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इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के महासचिव विपुल गोयल

इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की प्रधान संजना गोयल और महासचिव विपुल गोयल ने कहा कि आईएएमडी इस राष्ट्रीय कार्यशाला को लेकर उत्साहित है। उनकी संस्था आईएएमडी तीन दशक से अधिक समय से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी देखभाल और अनुसंधान में सबसे आगे रहा है। यह कार्यशाला रोगियों, परिवारों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

आईएएमडी के महासचिव विपुल गोयल ने बताया कि इस कार्यशाला में डॉ. शैफाली गुलाटी, डॉ. अलोक भट्टाचार्य, डॉ. अर्शा घोष, डॉ. अश्विन दलाल समेत अन्य विशेषज्ञ भाग लेंगे।

 

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