डिजिटल जनगणना को हरी झंडी, 11718 करोड़ मंजूर
दो चरणों में होगी अप्रैल-सितंबर 2026 में मकानों की सूची से शुरुआत, जातिगत आंकड़े भी जुटाएंगे
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में जनगणना कराने के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ‘जनगणना 2027’ के संचालन के लिए 11,718 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह अपनी तरह की पहली डिजिटल जनगणना होगी। यह दो चरणों में आयोजित की जाएगी। इसके तहत अप्रैल से सितंबर 2026 तक मकानों की सूची बनाने और आवास जनगणना का काम होगा; फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना की जाएगी। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फ से ढके दूर दराज के क्षेत्रों के लिए जनगणना कवायद सितंबर 2026 में होगी।
वैष्णव ने बताया कि जनगणना 2027 के प्रारंभिक चरण में जातिगत आंकड़े भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से एकत्र किए जाएंगे। लगभग 30 लाख कर्मचारी इस विशाल कार्य को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि मोबाइल ऐप और केंद्रीय पोर्टल का उपयोग बेहतर गुणवत्ता वाला डेटा सुनिश्चित करेगा। मंत्री ने कहा कि जनगणना-आधारित सेवा (सीएएएस) मंत्रालयों को स्पष्ट, मशीन-पठनीय और कार्यवाही योग्य प्रारूप में डेटा उपलब्ध कराएगी।
मनरेगा का नाम होगा ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) का नाम बदलने और कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार, इस योजना का नाम बदलकर अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ कर दिया जाएगा और इसके तहत कार्यदिवसों की संख्या 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी।
उच्च शिक्षा के लिए होगा एकल नियामक : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) जैसे निकायों की जगह उच्च शिक्षा नियामक निकाय स्थापित करने वाले विधेयक को शुक्रवार को मंजूरी दी। इस प्रस्तावित विधेयक को पहले भारत का उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) नाम दिया गया था, लेकिन अब यह विकसित भारत शिक्षा अधीक्षण विधेयक के नाम से जाना जाएगा।
इसके तहत प्रस्तावित आयोग को उच्च शिक्षा के एकल नियामक के रूप में स्थापित किया जाएगा, लेकिन मेडिकल और लॉ कॉलेज इसके दायरे में नहीं आएंगे। वित्त पोषण की स्वायत्तता प्रशासनिक मंत्रालय के पास प्रस्तावित है। उच्च शिक्षा आयोग की अवधारणा पर पहले भी एक मसौदा विधेयक के रूप में चर्चा हो चुकी है।
मंत्रिमंडल के अन्य अहम फैसले
nपरमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी को अनुमति देने संबंधी प्रस्तावित विधेयक पर मुहर। इसका उद्देश्य 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लक्ष्य को पूरा करना है।
n71 कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को मंजूरी दी, जिनकी उपयोगिता कानून की किताबों में समाप्त हो चुकी है।
nबीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने वाले विधेयक को मिली मंजूरी।
nविभिन्न औद्योगिक उपयोगों एवं निर्यात के लिए कोयले की नीलामी को लेकर ‘कोलसेतु’ व्यवस्था को मंजूरी।
nनारियल उत्पादकों की आय बढ़ाने के मकसद से विपणन सत्र 2026 के लिए मिलिंग कोपरा का एमएसपी 445 रुपये बढ़ाकर 12,027 रुपये प्रति क्विंटल किया गया।

