खुलेपन से सुलझाए जाएंगे ‘थिएटर कमांड’ पर मतभेद : सीडीएस
प्रस्तावित ‘थिएटर कमांड’ संरचना पर सैन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच तीखी असहमति उभर कर सामने आई है। नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके त्रिपाठी ने बुधवार को ‘थिएटराइजेशन’ के पक्ष में आवाज उठाई, जबकि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने इस मुद्दे पर ‘मतभेद’ स्वीकार करते हुए कहा कि इसे खुलेपन से सुलझाया जाएगा। यह घटनाक्रम भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह द्वारा फिलहाल थिएटर कमांड के प्रति आगाह किए जाने के एक दिन बाद सामने आया है। कल यहां आर्मी वॉर कॉलेज में दो दिवसीय विचार-मंथन सेमिनार ‘रण संवाद’ में बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने सेना प्रमुखों के स्तर पर सैन्य समन्वय के लिए एक अलग प्रारूप का सुझाव दिया था।
बुधवार को सेमिनार में एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि अंतिम लक्ष्य के रूप में नौसेना ‘थिएटराइजेशन’ के लिए प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा कि थलसेना और वायुसेना के साथ अपनी संचार और युद्ध क्षमता में तालमेल बिठाने के लिए भी नौसेना प्रतिबद्ध है।
आज सेमिनार के समापन पर सीडीएस, जिन्हें सरकार ने थिएटर कमांड बनाने का दायित्व सौंपा है, ने ‘शांति निर्माता’ की भूमिका निभाई। जनरल चौहान ने कहा,’अगर आपको किसी तरह की असहमति का आभास हुआ है तो यह एक अच्छा संकेत है; मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राष्ट्र हित में इसका समाधान करेंगे।’
वायुसेना प्रमुख ने कल कहा था, ‘फिलहाल हमें निचले स्तर पर किसी नए ढांचे (थिएटर कमांड) की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने बलों से कहा कि वे ढांचे बनाने के लिए किसी दबाव में न आएं।
क्या है थिएटराइजेशन
थिएटराइजेशन एक सैन्य शब्दावली है जिसके तहत भौगोलिक रूप से परिभाषित एक संचालन क्षेत्र बनाया जाता है, जिसका नेतृत्व एक सैन्य कमांडर करता है और युद्ध के सभी संसाधन-जैसे विमान, हेलीकॉप्टर, बंदूकें, टैंक, उपकरण और जनशक्ति उसके नियंत्रण में होते हैं।