Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Dharmendra@90 मलेरकोटला और लुधियाना का गम : अधूरा रह गया धर्मेंद्र के 90वें जन्मदिन का सपना

Dharmendra@90 मलेरकोटला और लुधियाना क्षेत्र आज गहरे दुख में डूबा है। लोगों को इस बात का मलाल है कि वे अपने प्रिय सितारे धर्मेंद्र को उनके पसंदीदा ‘मक्की दी रोटी’ और ‘सरसों दा साग’ के साथ 90वां जन्मदिन मनाते नहीं...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Dharmendra@90 मलेरकोटला और लुधियाना क्षेत्र आज गहरे दुख में डूबा है। लोगों को इस बात का मलाल है कि वे अपने प्रिय सितारे धर्मेंद्र को उनके पसंदीदा ‘मक्की दी रोटी’ और ‘सरसों दा साग’ के साथ 90वां जन्मदिन मनाते नहीं देख सके। आठ दिसंबर को होने वाला यह विशेष जश्न अब लोगों की स्मृतियों में बस एक अधूरी चाहत बन गया है। धर्मेंद्र का निधन इस खुशी से महज पखवाड़ा पहले हो गया।

धर्मेंद्र का जन्म आठ दिसंबर 1935 को उनकी मां के पैतृक गांव नसराली (लुधियाना) में हुआ था। उनका पैतृक घर रायकोट उपमंडल के डंगों गांव में है। वे केवल कृष्णन के पुत्र और नरैन दास के पोते थे। वर्ष 1954 में उन्होंने मलेरकोटला जिले (तत्कालीन संगरूर) के बंभौरा गांव की प्रकाश कौर सोही से विवाह किया था, जो आगे चलकर उनका सबसे मजबूत संबल बनीं।

Advertisement

बंभौरा के सामाजिक कार्यकर्ता सतबीर सिंह शीरा बंभौरा ने बताया कि गांव और आसपास के इलाके में शोक की लहर है। लोगों का कहना है कि सोही परिवार के ‘दामाद’ के लिए की गई दुआएं पूरी न हो सकीं। उनके अनुसार धर्मेंद्र न सिर्फ बड़े कलाकार थे, बल्कि अपनी विनम्रता और सादगी से पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाने वाले इंसान भी थे।

Advertisement

प्रकाश कौर  के एनआरआई भतीजे वरिंदर सिंह सोही अपनी 2005 की शादी को याद करते हुए भावुक हो उठे। उन्होंने बताया कि जब ‘फुफड़ जी’ धर्मेंद्र और ‘वीरा’ सनी देओल उनके विवाह में पहुंचे, तो पूरा गांव उमड़ पड़ा। दोनों सितारे बेहद सादगी से परिवार का हिस्सा बनकर शामिल हुए, लेकिन गांववाले उन्हें देखने घरों की छतों पर चढ़ गए थे। वरिंदर और उनके ताया जसवीर सिंह सोही अब सोही परिवार की ओर से अंतिम श्रद्धांजलि देने मुंबई रवाना हो रहे हैं।

इसी क्षेत्र के भूषण लोमाश ने भी धर्मेंद्र की पुरानी यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि उनके पिता दिलबाग राय ईसा और धर्मेंद्र पंजाब ट्यूबवेल कॉरपोरेशन में साथ काम कर चुके थे। धर्मेंद्र कई बार उनसे मिलने आते और पुरानी बातें कर घंटों हंसी-मजाक करते।

Advertisement
×