Dharamshala News : मणुणी खड्ड बना मौत का दरिया... तेज बहाव में बहे 20 मजदूर, BJP MLA सुधीर शर्मा ने जताया दुख
रविन्द्र वासन धर्मशाला 25 जून
धर्मशाला शहर में बुधवार को उफनती मांझी खड्ड में डूबकर एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई। पीड़ित की अभी तक आधिकारिक रूप से पहचान नहीं हो पाई है। ऐसा माना जा रहा है कि खनियारा गांव में निर्माणाधीन बिजली परियोजना पर काम करते समय वह तेज बहाव में बह गया। पिछले 24 घंटों से लगातार मानसून की बारिश ने लोकप्रिय हिल स्टेशन को तबाह कर दिया है।
स्थानीय अधिकारियों और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बचाव टीमों ने व्यापक तलाशी अभियान के बाद शव को बाहर निकाला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेज दिया, जहां उसे पहचान के लिए शवगृह में रखा जाएगा। फतेहपुर में एक अन्य मध्यम आयु वर्ग का व्यक्ति उफनती खड्ड में फंस गया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे सौभाग्य से बचा लिया।
भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने इसे लेकर एक्स पर पोस्ट की है। उन्होंने लिखा कि यह अत्यंत दुखद और पीड़ादायक समाचार है कि इंदिरा प्रियदर्शनी हाइड्रल प्रोजेक्ट, सोकणी दा कोट (खनियारा), धर्मशाला में मणुणी खड्ड में पानी का बहाव अचानक बढ़ने से लगभग 15 से 20 मजदूर बह गए। ये सभी खड्ड किनारे बने शेड में रह रहे थे। ऐसी हृदय विदारक घटना शायद ही पहले कभी देखी गई हो। हम इस दुःखद घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।
इस बीच, पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ी शहर में सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, जहां 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है। कल रात 49.3 मिमी बारिश हुई थी। 21 जून को यहां 10 मिमी, 22 जून को 15 मिमी, 23 जून को 30 मिमी और 24 जून को 10 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि पालमपुर तहसील में एक संपर्क मार्ग पर भूस्खलन की भी खबर है। उन्होंने बताया कि यातायात के लिए सड़क को साफ करने के लिए जेसीबी मशीनें भेजी गई हैं।
जल शक्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग को कांगड़ा में बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ है। नुकसान की रिपोर्ट क्षेत्र से मंगवाई गई है, जिसे गुरुवार को संकलित किया जाएगा। लगातार हो रही बारिश ने धर्मशाला व आसपास के इलाकों में सामान्य जनजीवन को भी प्रभावित किया है, खासकर बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
धर्मशाला के आसपास के गांवों में कई माता-पिता फिसलन भरी सड़कों और संभावित भूस्खलन के डर से अपने बच्चों को घर पर ही रखने का फैसला किया। बाजार भी पूरे दिन सुनसान रहे और ग्राहकों की कमी नहीं दिखी। कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें देर से खोलीं। स्थानीय परिवहन सेवाएं भी क्षमता से कम संचालित हुईं।