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Dharali Tragedy : उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी; बचाई गई 150 जिंदगियां, 11 जवान अब भी लापता

उत्तरकाशी में 150 लोगों को बचाया गया, सेना के 11 जवान अब भी लापता : एनडीआरएफ
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली के खीरगाड़ क्षेत्र में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में मकान और अन्य संरचनाएं बह गईं। @UttarkashiPol on X via PTI Photo
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Dharali Tragedy : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक दिन पहले अचानक आयी बाढ़ में फंसे करीब 150 को बचा लिया गया है लेकिन सेना के 11 जवान अब भी लापता हैं।

उप महानिरीक्षक (संचालन) मोहसिन शाहेदी ने संवाददाताओं को बताया कि तीन टीम धराली गांव के लिए रवाना हो चुकी थीं लेकिन भूस्खलन के कारण ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण उसे पहुंचने में देरी हुई। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण अब तक एनडीआरएफ की दो टीम को देहरादून से हवाई मार्ग से नहीं लाया जा सका है।

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शाहेदी ने कहा कि एनडीआरएफ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दल प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान संचालित कर रहे हैं और लगभग 150 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि चार लोगों की मौत हो गयी है और लगभग 50 लोग लापता हैं। हरसिल क्षेत्र से 11 सैन्यकर्मी लापता हैं।''

डीआईजी ने बताया कि एनडीआरएफ की तीन टीम प्रभावित इलाकों के बेहद करीब हैं और रास्ता साफ होते ही वे पहुंच जाएंगी। शाहेदी ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब दो बजे उत्तरकाशी के कई गांवों में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। उन्होंने बताया कि ऊंचाई वाले इलाके में एक झील बन गई है, लेकिन पानी कम होने के कारण वह क्षेत्र सुरक्षित है।

इस बीच, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने कहा कि उसने राज्य में किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग पर फंसे 413 तीर्थयात्रियों को बचा लिया है। आईटीबीपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि पर्वतीय मार्ग का एक बड़ा हिस्सा बह गया था और तीर्थयात्रियों को रस्सी-से ‘ट्रैवर्स क्रॉसिंग' तकनीक के जरिए बचाया गया।

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