DGP साहब, क्या ये भी बदमाश हैं...!, थार और बुलेट पर गरमाई सियासत
DGP Thar Comments: हरियाणा के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का एक बयान अब राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया में जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। सिंह ने विगत दिवस गुरुग्राम में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि ‘थार और बुलेट से बदमाश चलते हैं, थार वालों का दिमाग घूमा हुआ है।’ उनका यह बयान कुछ ही घंटों में वायरल हो गया और अब इस पर हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने तीखा तंज कसा है।
रविवार रात, दुष्यंत चौटाला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कई तस्वीरें साझा कीं। पहली में वे खुद बुलेट बाइक पर सवार हैं, दूसरी में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुलेट चला रहे हैं। तीसरी तस्वीर में भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला बाइक चला रहे हैं और उनके पीछे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठे हैं। इतना ही नहीं, दुष्यंत ने एक और तस्वीर साझा की जिसमें तेजस्वी यादव थार जैसी गाड़ी चला रहे हैं और राहुल गांधी साथ बैठे हैं।
इन तस्वीरों के साथ दुष्यंत ने तंज भरा कैप्शन लिखा – ‘डीजीपी साहब, क्या ये भी...!’ यानि क्या ये सभी लोग भी आपकी ‘बदमाशों वाली’ परिभाषा में आते हैं। पोस्ट वायरल होने के कुछ ही घंटों में हजारों शेयर और टिप्पणियां आने लगीं। यूजर्स ने इसे ‘डीजीपी बनाम जनता की धारणा’ का मुद्दा बना दिया। दरअसल, ओपी सिंह पिछले कुछ दिनों से राज्य के जिलों का दौरा कर रहे हैं।
वे हर जगह पुलिस अधिकारियों और मीडिया से खुलकर बातचीत कर रहे हैं, ताकि पुलिस की छवि को जनता के बीच आत्मीय और विश्वसनीय बनाया जा सके। गुरुग्राम में उन्होंने कहा था कि ‘आजकल थार और बुलेट स्टेटस सिंबल बन गई हैं। इनमें कई लोग सड़क पर स्टंट करते हैं और दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
उन्होंने एक उदाहरण भी दिया था – ‘हमारे एक एसीपी का बेटा थार पर स्टंट करते पकड़ा गया था। जब उसे छोड़ने की सिफारिश आई, तो मैंने ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की लिस्ट निकलवाई, जिनके पास थार गाड़ियां हैं।’ ओपी सिंह का मकसद था युवाओं को सड़क सुरक्षा के प्रति सचेत करना, लेकिन बयान का लहजा ऐसा बना कि सोशल मीडिया ने इसे ‘क्लासिक कंट्रोवर्सी’ में बदल दिया।
सोशल मीडिया पर छिड़ी ‘थार बनाम पुलिस’ बहस
दुष्यंत की पोस्ट के बाद से ट्विटर (एक्स), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #TharVsDGP और #BulletWaale जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स ने व्यंग्य करते हुए लिखा – ‘अब तो बुलेट चलाने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन कराना पड़ेगा।’ तो कुछ ने कहा – ‘बदमाश नहीं, बुलेट और थार चलाना तो अब गौरव की बात है।’ राजनीतिक गलियारों में भी यह बयान चर्चा का विषय बन गया है। कुछ नेताओं ने इसे ‘अनुचित सामान्यीकरण’ बताया, जबकि कुछ ने कहा कि डीजीपी का मकसद सिर्फ अनुशासन की अपील था, उसे गलत अर्थ में लिया गया।
पुलिस ने दी सफाई, मंशा गलत नहीं थी
विवाद बढ़ने के बाद पुलिस सूत्रों का कहना है कि डीजीपी के बयान को ‘संदर्भ से काटकर’ पेश किया गया। असल मकसद थार और बुलेट से स्टंट करने वाले युवाओं को रोकना था, न कि किसी वर्ग या वाहन धारक को अपराधी ठहराना। फिलहाल, दुष्यंत चौटाला का तंज और जनता की प्रतिक्रियाओं ने इस बयान को वायरल बना दिया है। अब देखना यह होगा कि ओपी सिंह इस विवाद पर सफाई देते हैं या नहीं, लेकिन इतना तय है कि हरियाणा की सियासत में ‘थार और बुलेट’ इस वक्त कानून-व्यवस्था से ज्यादा चर्चित मुद्दा बन चुकी हैं।
