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Devendra Singh : PAK जासूस देवेंद्र के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज, अब फोन से खुलेंगे कई अहम राज

ग्रामीणों ने कुछ भी बोलने से किया इंकार, एसआईटी कर रही है हर पहलू पर जांच
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चंडीगढ़, 17 मई (ट्रिन्यू)

Devendra Singh : पाकिस्तानी जासूस गांव मस्तगढ़ निवासी देवेंद्र सिंह के विरुद्ध साइबर क्राइम थाना में देशद्रोह और सिक्रेट एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। प्राथमिक पूछताछ में यह सामने आया है कि करीब 5 से छह महीने से ही वह पाकिस्तानी इंटेलिजेंस के संपर्क में आया था। वह अपने ही फोन से स्नैपचैट और व्हाट्सएप से बात करता था।

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देवेंद्र का फोन ही अब इस मामले में राज खोल सकता है। हालांकि उसने अपने फोन का ज्यादातर डाटा डिलिट किया हुआ है। अब फोन के पिछले डाटा को रिकवर करने का प्रयास किया जाएगा। स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की तरफ से पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी देवेंद्र सिंह के खातों में पाकिस्तानी से रुपयों के लेने-देन का पुलिस को शक है। अभी तक इस मामले में कोई पुष्टि नहीं हुई है। शनिवार को इस मामले में गठित की गई एसआईटी ने देवेंद्र के घर में पहुंचकर जांच की।

एसपी आस्था मोदी ने गिरफ्तारी के बाद ही एसआईटी का गठन कर दिया था। इसमें एक डीएसपी, दो एसएचओ और स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट प्रभारी को शामिल किया था। इसमें डीएसपी एईसी गुरविंद्र सिंह, साइबर क्राइम थाना प्रभारी शुभ्रांशु व सिविल लाइन थाना साहिल और स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट प्रभारी रमेश शामिल है। इस मामले में आरोपी युवक के परिजनों सहित गांव के अन्य लोगों ने कुछ भी बोलने से परहेज किया है। उनका कहना है फिलहाल वे इस मामले में कुछ भी नहीं बोलना चाहते हैं। वहीं, साइबर थाना की पुलिस ने आरोपी देवेंद्र पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 और 5 सीक्रेट ओफेंस के तहत केस दर्ज किया गया है।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 भारत की संप्रभुता, एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों से संबंधित है। यह अलगाववाद, सशस्त्र विद्रोह या विध्वंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले कार्यों के आरोपियों के लिए लगाई जाती है। पांच सीक्रेट ओफेंस ऐसी धारा है, जिसमें किसी भी प्रकार की देश की प्रतिबंधित सामग्री को सार्वजनिक या देश हित के लिए न होने वाली गतिविधियों करने वाले आरोपियों पर लगाई जाती है। बता दें कि देवेंद्र पाकिस्तान में धार्मिक स्थल पर गया था, लेकिन वहां से जासूस बनकर लौटा।
एटीएम ट्रांजेक्शन की भी पुलिस कर रही जांच 
देवेंद्र का परिवार मध्यम वर्गीय है। एसआईटी टीम से मिली जानकारी अनुसार आरोपी तीन अलग-अलग बैंक खाते हैं। इन्हीं खातों पर टीम की ओर से जांच की जा रही है। इसके साथ ही पुलिस की ओर से एटीएम ट्रांजेक्शन की भी जारी जारी है। अभी पुलिस का कहना है कि आरोपी देवेंद्र सिंह की ओर से की जाने वाली अन्य गतिविधियों पर भी जांच की जा रही है। इस मामले में पूरी जांच के बाद रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ही सही जानकारी सामने आ पाएगी।
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