चंडीगढ़, 7 फरवरी (एजेंसियां) उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से आयी बाढ़ के कारण बांध को काफी नुकसान होने की सूचना है।स्टेट डिज़स्टर रिस्पांस फोर्स की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऋषि गंगा बिजली परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूर लापता है। उन्होंने कहा,‘बिजली परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि वे परियोजना स्थल पर अपने लगभग 150 श्रमिकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के बहने की भी सूचना है। वहीं इस हादसे के बाद श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत अन्य जगहों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गयी है। सूचना मिली है कि कई ग्रामीणों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। धौलीगंगा ग्लेशियर की तबाही के साथ तपोवन में बैराज को भी नुकसान हुआ। ये घटना सुबह 9 बजे के करीब हुई। एनडीआरएफ की टीम मौके पर भेज दी गयी है। आशंका है कि ये ग्लेशियर चमेली होते हुये ऋषिकेश तक पहुंचेगा। चमोली के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धौलीगंगा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने का निर्देश दिया है। इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है।’
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि अभी तक 2 लोगों के शव मिले हैं तथा कुछ घायलों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। तपोवन-रेणी में स्थित बिजली संयंत्र पूरी तरह से बह गया है। वहीं, आईटीबीपी के एक अधिकारी ने बताया कि बल की 200 कर्मियों वाली 2 टीमें जोशीमठ से बाढ़ प्रभावित इलाकों की ओर रवाना हो गई हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि जैसे ही आपदा की खबर मिली, 2 टीमें देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने कहा, ‘हम दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे से तीन-चार और टीमों को हवाई मार्ग से रवाना करने पर काम कर रहे हैं।’उधर उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक विकराल बाढ़ आने के मद्देनजर राज्य की पुलिस ने लोगों से परेशान न होने की अपील की है। पुलिस ने ट्विटर पर लोगों से अपील करते हुए कहा, ‘‘अपील है कि बेचैन न हों। हमारी टीम मदद में लगी हुई हैं। राहत बचाव कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। अपना और अपनों का ध्यान रखें, ख़ुद को सुरक्षित स्थान पर तुरंत ले जाएँ। हमारी राहत बचाव टीम की मदद करें।” उत्तराखंड पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ‘‘कृपया संयम बनाए रखें। राहत एवं बचाव कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। किसी भी आपातकाल की स्थिति से बचने के लिए हमें सतर्क रहना होगा। नदी के आसपास के लोगों से अपील है कि बेचैन न हों। शांत दिमाग़ से और सूझबूझ से काम लें। ख़ुद को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ जब तक ख़तरे का अंदेशा है।”