कामयाबी के बावजूद ठहरी स्मृतियों की तलाश
उल्लेखनीय है कि, 38 साल बाद देशभर से आये एमए अर्थशास्त्र के पूर्व छात्रों में, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश झारखंड व उत्तराखंड के छात्र शामिल थे। इनमें संयुक्त शिक्षा निदेशक झांसी-चित्रकूट मंडल उ.प्र. राजू राणा, अंबूजा सीमेंट में वायस प्रेजीडेंट रहे संदीप पुरी, उद्यमी व समाजसेवी विवेक अग्रवाल, शिवालिक गेंजेस पब्लिक स्कूल के चेयरमैन मुकेश अग्रवाल, सामाजिक कार्यकर्ता अलका भार्गव, कारोबारी रुचिन गोयल, केंद्रीय विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य (रांची) मधुरेश चंद्रा, आध्यात्मिक अभियान से जुड़े सतीश धवन, केंद्रीय विद्यालय( दिल्ली) की प्रधानाचार्य सीमा शर्मा, महाराष्ट्र से आई शिक्षिका दिव्या सिंह, प्रोमिला(देहरादून) ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कालेज परिसर में भ्रमण के अलावा सांस्कृतिक व रचनात्मक कार्यक्रमों में भागेदारी की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार इस बैच के सदस्य, उद्यमी व समाजसेवी विवेक अग्रवाल थे।
एमए अर्थशास्त्र ये छात्र अपने जीवन साथियों के साथ साढ़े तीन दशक बाद रुड़की में मिले। इनमें पूणे से दिव्या-नितिन सिंह, झांसी से राजू राणा-अर्चना, दिल्ली से संदीप पुरी-प्रीति, रुड़की से रुचिन गोयल-कुमकुम, देहरादून से मुकेश अग्रवाल, पटना से मधुरेश चंद्रा, रुड़की से विवेक-मीनाक्षी, सतीश धवन-संगीत, सीमा-अजय, देहरादून से प्रोमिला, कानपुर से अलका-पवन भार्गव व अरुण व अलका शामिल रहे हैं।