सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 17 अक्तूबर
तमाम कोशिशों और दावों के बावजूद कश्मीर से प्रवासी श्रमिकों का अपने घरों को लौटना रूक नहीं पा रहा है। 10 दिनों के भीतर 3 प्रवासी नागरिकों की हत्या हो गयी है।
प्रवासी नागरिक दहशतजदा हैं। चिंता की बात यह है कि हाई अलर्ट के बावजूद आतंकी टारगेट किलिंग करने में कामयाब हो रहे हैं। श्रीनगर के साथ ही दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग व पुलवामा से कुछ दिहाड़ीदारों की बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वापसी हो गई है। प्रवासी ज्यादातर दक्ष मजदूर, चाहे कारपेंटर हों या फिर पेंटर, चाहे मजदूर हों या अन्य कार्य करने वाले, सब गैर कश्मीरी हैं।