जींद में खटीक धर्मशाला में तोड़ा डिप्टी स्पीकर का शिलान्यास पत्थर, दो के खिलाफ FIR
Jind Khatik Dharamshala: जींद के पटियाला चौक के निकट संत नगर स्थित खटीक धर्मशाला में में दो लोगों ने जमकर तोड़ फोड़ की। धर्मशाला में लगाए गए हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर एवं विधायक डा. कृष्ण मिड्ढा के शिलान्यास पत्थर को भी तोड़ डाला। यहां मौजूद खटीक बिरादरी के लोगों ने जब तोड़ फोड़ कर रहे लोगों को रोकने की कोशिश की, तो उनके साथ गाली गलौज की और बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी।
शहर थाना पुलिस ने धर्मशाला के कोषाध्यक्ष की शिकायत पर दोनों आरोपितों के खिलाफ तोड़ फोड़ करने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने सहित विभिन्न भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज कर लिया है। घटना से समाज के लोगों में भारी रोष है।
खटीक धर्मशाला के कोषाध्यक्ष सावित्री नगर निवासी रामसिंह ने शहर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि संत नगर में समाज के लोगों द्वारा धर्मशाला का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसमें डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा ने साढ़े 17 लाख 90 हजार रुपये का अनुदान दिलवाने में सहायता की हुई है। समाज के लोगों द्वारा इसके लिए धर्मशाला में डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा के नाम से शिलान्यास बोर्ड लगवाया गया था।
6 सितंबर को समाज के लोगों ने धर्मशाला में अपने अराध्य को लेकर भंडारे का आयोजन किया गया था। उस दौरान वहां पर समाज के नानक चंद पुत्र खैराती लाल निवासी सावित्री नगर व उसका भतीजा राकेश पुत्र ओमप्रकाश वासी सावित्री नगर भी मौजूद थे, जो समाज के मौजिज लोगों से अभद्र व्यवहार उतर आए। इसका विरोध समाज के लोगों ने किया तो वे दोनों गाली गलौज पर उतर आए और बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी।
बाद में आरोपियों ने धर्मशाला में तोड़फोड़ की और साथ ही हरियाणा विधानसभा डिप्टी स्पीकर एवं विधायक डा. कृष्ण मिड्ढा के शिलान्यास पत्थर को तोड़ दिया। साथ ही दानी सज्जन के लगे पत्थर को भी तोड़ डाला। शिकायत में कहा गया कि आरोपी नानक चंद ने धर्मशाला के नाम की फर्जी पर्ची बुक छपवाई हुई है,और लोगों से चंदा लेकर हड़प रहा है।
बकायदा पर्ची में इसने अपने आपको स्वयंभु प्रधान घोषित कर रखा है। शहर थाना पुलिस ने धर्मशाला के कोषाध्यक्ष रामसिंह की शिकायत पर नानक चंद व राकेश के खिलाफ तोड़फोड़ करने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने सहित विभिन्न भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज कर लिया है। घटना से समाज के लोगों में भारी रोष है।