दूसरे देशों पर निर्भरता हमारी सबसे बड़ी दुश्मन : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता को देश की सभी समस्याओं का समाधान बताते हुए कहा कि चिप हो या शिप... हमें भारत में ही बनाने होंगे।
वह शनिवार को गुजरात में भावनगर के गांधी मैदान में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने 34,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत वैश्विक बंधुत्व की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया में भारत का कोई बड़ा दुश्मन नहीं है, लेकिन सही मायनों में भारत का सबसे बड़ा दुश्मन अन्य देशों पर निर्भरता है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस निर्भरता को सामूहिक रूप से पराजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी निर्भरता बढ़ने से राष्ट्रीय विफलता बढ़ती है।
मोदी ने कहा, ‘वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना होगा।’ उन्होंने आगाह किया कि दूसरों पर निर्भरता, राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों का भविष्य बाहरी ताकतों पर नहीं छोड़ा जा सकता, न ही राष्ट्रीय विकास का संकल्प विदेशी निर्भरता पर आधारित हो सकता है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के बाद तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी ने युवाओं की प्रतिभा को दबा दिया और ‘लाइसेंस राज’ जैसे प्रतिबंध लगा दिए। उन्होंने कहा कि जब वैश्वीकरण का युग शुरू हुआ तो तत्कालीन सरकारों ने केवल आयात पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके कारण हजारों करोड़ रुपये के घोटाले हुए। उन्होंने कहा कि इन नीतियों से भारत के युवाओं को काफी नुकसान पहुंचा और देश की वास्तविक क्षमता को उभरने से रोका गया।