जम्मू, 13 जून (एजेंसी)
जम्मू-कश्मीर के कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने जम्मू में सोमवार को फिर प्रदर्शन किया और शांति बहाल होने तक घाटी से बाहर स्थानांतरित किए जाने की मांग दोहराई। ‘ऑल माइग्रेंट एम्प्लॉई एसोसिएशन कश्मीर’ के बैनर तले सैकड़ों महिला एवं पुरुष कर्मचारी यहां प्रेस क्लब के बाहर जमा हुए। उन्होंने तख्तियां पकड़ी हुई थीं जिन पर लिखा था, ‘हमारे खून की कीमत पर हमारा पुनर्वास नहीं करें। हमारे बच्चे अनाथ हो रहे हैं। हमारी पत्नियां विधवा हो रही हैं। और सिर्फ एक ही समाधान, घाटी के बाहर कहीं भी स्थानांतरण।’
वर्ष 2008 में घोषित प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत चयनित किए जाने के बाद से लगभग चार हजार कश्मीरी पंडित घाटी में विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। पैकेज में दो प्रमुख घटक हैं – पहला, युवाओं के लिए छह हजार नौकरियों के प्रावधान से संबंधित है और दूसरा कर्मचारियों के लिए छह हजार आवास इकाइयों से संबंधित है। प्रदर्शनकारी श्वेता भट्ट ने कहा, ‘हमारा प्रदर्शन घाटी से हमारे स्थानांतरण के लिए चल रहे आंदोलन का हिस्सा है क्योंकि हम वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। हम जम्मू पहुंच गए हैं जबकि हमारे सहयोगी पिछले 31 दिनों से घाटी में प्रदर्शन कर रहे हैं।’ भट्ट ने कहा, ‘हम क्षेत्र में काम कर रहे हैं और अवसादग्रस्त महसूस कर रहे हैं और डर की वजह से अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।’