नयी दिल्ली, 5 मई (एजेंसी) जम्मू-कश्मीर पर 3 सदस्यीय परिसीमन आयोग ने अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण से संबंधित अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस आदेश की एक प्रति और रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या और उनके आकार का विवरण शामिल होगा। इसके बाद एक राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से आदेश जारी किया जाएगा। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) रंजना देसाई के नेतृत्व वाले आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 24 सीटें हैं, जो हमेशा रिक्त रहती हैं। पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटों का प्रस्ताव किया गया है। आयोग ने जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त सीट का भी प्रस्ताव रखा है। अभी तक कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू संभाग में 37 सीटें हैं। मार्च 2020 में गठित आयोग को पिछले साल, एक साल का विस्तार दिया गया था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त, परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।