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Delhi Stampede : अपनों से नहीं मिल पा रहे परिवार, बीच में खड़ी पुलिस की दीवार; लोक नायक अस्पताल में सुरक्षा कड़ी

परिसर के भीतर आवाजाही को प्रतिबंधित करने के सख्त आदेश
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा)

Delhi Stampede : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद घायलों को भर्ती कराए जाने के बीच लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में सैकड़ों अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया। प्रवेश और निकास द्वारों को बंद कर दिया गया ताकि अस्पतालकर्मियों को छोड़कर किसी को भी प्रवेश नहीं मिल सके।

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शनिवार देर शाम नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के कुछ घंटों बाद पीड़ितों को एलएनजेपी लाया गया था। इस घटना में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। एलएनजेपी अस्पताल के बाहर अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई और लोगों को अंदर जाने से रोकने के लिए पुलिस ने रस्सियों से द्वारों को बंद कर दिया।

सुरक्षाकर्मियों ने आगंतुकों की पूरी तरह से जांच की और केवल आधिकारिक रिपोर्ट वाले लोगों को ही दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल के अंदर जाने की अनुमति दी गई। यहां तक ​​कि मीडियाकर्मियों को भी प्रवेश नहीं दिया गया। अस्पताल परिसर के भीतर आवाजाही को प्रतिबंधित करने के सख्त आदेश दिए गए हैं। कुछ परेशान परिवारों के सदस्यों को आपातकालीन और हड्डी रोग विभागों में जाने की अनुमति नहीं दी गई, जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है।

भर्ती मरीजों के बीच अपने लापता प्रियजनों को खोजने के लिए लोग पहुंचे, जिन्हें अधिकारियों द्वारा उनके पास मौजूद सूचियों की जांच करने के बाद वापस भेज दिया गया। प्रियजनों को तलाश रहे कई लोगों ने शिकायत की कि घायलों को जिन अस्पतालों में ले जाया गया था, उनमें से किसी ने भी उन्हें अपने रिश्तेदारों की तलाश करने की अनुमति नहीं दी।

एलएनजेपी अस्पताल परिसर में घूमने पर पता चला कि आम दिनों की तुलना में लोगों की संख्या असामान्य रूप से कम थी। हर वार्ड में सुरक्षा जांच की जा रही थी, जिसमें एक बार में केवल एक व्यक्ति को ही प्रवेश करने की अनुमति थी। अंदर, सभी से पूछताछ की जा रही थी और किसी को भी उस वार्ड के पास जाने की अनुमति नहीं थी, जहां भगदड़ के पीड़ित भर्ती थे।

अनधिकृत संपर्क को रोकने के लिए प्रत्येक घायल मरीज के साथ तीन से चार पुलिसकर्मी या अस्पताल के कर्मचारी थे। यहां तक ​​कि जब मरीजों को एमआरआई स्कैन और अन्य परीक्षणों के लिए ले जाया गया, तब भी वे पुलिस की कड़ी निगरानी में थे।

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