नयी दिल्ली, 21 अक्तूबर (एजेंसी)
दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को सुप्रीमकोर्ट में कहा कि रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के कोष में 2,397 करोड़ रूपये की हेराफेरी के मामले में जांच पूरी करने के लिए उसे चार महीने का वक्त और चाहिए। इस मामले में फोर्टिस हैल्थकेयर के प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह आरोपी हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले की जांच पूरी करने की समय सीमा के बारे में चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ को यह जानकारी दी। इसके बाद, न्यायालय ने सिंह की जमानत याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दी। चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने पुलिस से जांच पूरी करने की समय सीमा बताने के लिए कहा और टिप्पणी की, ‘जांच पूरी करने के लिए कितना वक्त लगना चाहिए? यह अधूरी कहानी नहीं बनी रह सकती।’ पीठ ने कहा, ‘हम इसे सोमवार को सूचीबद्ध करेंगे।’ सिंह की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आरोपी दो वर्ष से जेल में हैं। जांच के लिए अब उनके मुवक्किल की हिरासत की जरूरत नहीं है क्योंकि मामले में दो आरोप-पत्र पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं। पीठ ने पुलिस की रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि दिल्ली पुलिस के मुताबिक कोई अप्रत्याशित परिस्थितियां नहीं बनी तो उसे जांच पूरी करने के लिए और चार महीने का वक्त और चाहिए। मई माह में, दिल्ली हाईकोर्ट ने सिंह की जमानत याचिका रद्द करते हुए कहा था कि ‘‘उनके (सिंह) द्वारा की गई साजिश” का पता लगाने और कथित तौर पर हेराफेरी की गई राशि का पता लगाने के लिए उन्हें हिरासत में रखना आवश्यक है।