Delhi Ki Diwali : पटाखों पर पाबंदी के लिए सरकार तैयार, कोर्ट के निर्देशों को लागू करने की तैयारी तेज
दिल्ली सरकार ने पटाखों पर अदालती निर्देशों का पालन करने के लिए विभिन्न उपाय करने की योजना बनाई
Delhi Ki Diwali : दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए विभिन्न उपाय करने की योजना बनाई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट ने शहर में हरित पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध हटाने के संबंध में शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यदि शीर्ष अदालत प्रतिबंध हटाती है तो सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने को तैयार है कि उसके निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो। अगर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध हटा लिया जाता है, तो हम अदालत के आदेश के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाने के लिए तुरंत एक बैठक आयोजित करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से कुछ दिन पहले शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना ‘‘न तो व्यावहारिक है और न ही आदर्श स्थिति है'', क्योंकि ऐसे प्रतिबंधों का अक्सर उल्लंघन होता है और सभी पक्षों के हितों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ‘‘हरित'' पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति दिये जाने के अनुरोध संबंधी याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए ये टिप्पणियां की थीं।
इन टिप्पणियों से प्रतिबंध में ढील का संकेत मिलता है। अधिकारियों ने बताया कि दिवाली से एक सप्ताह पहले दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध हटाने की मांग की है। उन्होंने एक हलफनामे में अदालत को बताया कि सरकार ने प्रतिबंधित पारंपरिक पटाखों की बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने तथा लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। इससे पहले सिरसा ने कहा था कि सरकार दिवाली और गुरुपर्व की सुबह और शाम को कम से कम एक घंटे के लिए प्रतिबंध हटाना चाहती है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कहा कि यदि अदालत हरित पटाखों पर प्रतिबंध हटाती है तो प्रदूषण रोधी उपायों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और पारंपरिक पटाखों के उपयोग की जांच करने के लिए विभिन्न उपाय करने के निर्देश जारी किए जाएंगे। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री और उपयोग को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और दिल्ली नगर निगम के कर्मियों के साथ प्रवर्तन दल तैनात किए जाएंगे, क्योंकि माना जाता है कि ये अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। लोगों को हरित पटाखों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाएगा।