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Delhi: बस सब समय-समय की बात है... अलका लांबा ने रेखा गुप्ता के साथ की तस्वीर सांझा की, बधाई दी

Delhi new CM: अलका लांबा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा की
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डूसू चुनाव के दौरान रेखा गुप्ता व अलका लांबा। फोटो अलका लांबा के एक्स अकाउंट से
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नई दिल्ली, 19 फरवरी (ट्रिन्यू)

Delhi new CM: बस, सब समय-समय की बात होती है। दिल्ली की मनोनीत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता कभी छात्र राजनीति में सक्रिय थी। वर्षी 1995 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) का चुनाव लड़ा और महासचिव पद जीता, जबकि अलका लांबा उस समय छात्र संघ की अध्यक्षा थी।

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रेखा गुप्ता एबीवीपी से होते हुए अब भाजपा में हैं, जबकि अलका लांबा छात्र जीवन में कांग्रेस के छात्र संगठन से जुड़ी हुई थी। बाद में वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई और अब फिर कांग्रेस में हैं।

अलका लांबा, जिन्होंने इस महीने के विधानसभा चुनावों में कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) की आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। अलका लांबा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा की। जिसमें उन्होंने एक पुरानी तस्वीर भी डाली है, जिसमें लांबा व रेखा गुप्ता दिख रही हैं।

उन्होंने लिखा, "यह 1995 की यादगार तस्वीर - जब रेखा गुप्ता और मैंने साथ में शपथ ली थी। मैंने NSUI से डूसू अध्यक्ष का चुनाव जीता था और रेखा ने ABVP से महासचिव का पद हासिल किया था। रेखा गुप्ता को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। दिल्ली को चौथी महिला मुख्यमंत्री मिलने पर भी बधाई। हम दिल्लीवासी उम्मीद करते हैं कि मांयमुना स्वच्छ होगी और बेटियां सुरक्षित रहेंगी।"

गौरतलब है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए 11 दिनों से चल रही सस्पेंस खत्म हो गया और भाजपा ने शालीमार बाग से विधायक बनीं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की।

रेखा गुप्ता की इस नियुक्ति के साथ दिल्ली को अब तक की चौथी महिला मुख्यमंत्री मिली हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज (भाजपा), शीला दीक्षित (कांग्रेस) और आतिशी (AAP) इस पद को संभाल चुकी हैं। रेखा गुप्ता ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से AAP की वंदना कुमारी को 29,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया था।

रेखा गुप्ता और अलका लांबा, जो 1995 में डूसू चुनावों के दौरान युवा राजनीति में सक्रिय थीं, आज भी राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। अब, तीन दशक बाद, रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, जिससे भाजपा को भी महिला नेतृत्व को मजबूत करने का अवसर मिला है।

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