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दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधिकरण ने पन्नू के एसएफजे पर प्रतिबंध बढ़ाया

नयी दिल्ली, 29 जनवरी (एजेंसी) दिल्ली हाईकोर्ट के एक न्यायाधिकरण ने अमेरिका में वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा स्थापित खालिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) पर लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध को संगठन की विध्वंसकारी गतिविधियों को...
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नयी दिल्ली, 29 जनवरी (एजेंसी)

दिल्ली हाईकोर्ट के एक न्यायाधिकरण ने अमेरिका में वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा स्थापित खालिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) पर लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध को संगठन की विध्वंसकारी गतिविधियों को देखते हुए बढ़ाए जाने की पुष्टि की है। इन गतिविधियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को धमकियां देना शामिल है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पिछले साल 10 जुलाई को एसएफजे पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 के तहत लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध को इसकी निरंतर भारत विरोधी गतिविधियों को देखते हुए बढ़ा दिया था। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेहंदीरत्ता की अध्यक्षता वाले दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधिकरण का गठन 2 अगस्त को किया गया था, ताकि यह निर्णय लिया जा सके कि एसएफजे को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं। न्यायाधिकरण ने 3 जनवरी को एक आदेश जारी कर एसएफजे पर प्रतिबंध को 10 जुलाई से पांच और वर्षों के लिए बढ़ाने की पुष्टि की। यह आदेश बुधवार को उपलब्ध हुआ।

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सरकार ने न्यायाधिकरण को बताया कि भारत की आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक गतिविधियों में एसएफजे की संलिप्तता से भारत की शांति, एकता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को खतरा है। न्यायाधिकरण को बताया गया कि प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियां देश में अन्य अलगाववादियों, आतंकवादियों और कट्टरपंथी तत्वों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई हैं। न्यायाधिकरण को यह भी बताया गया कि एसएफजे भारत की भूमि से तथाकथित ‘खालिस्तान’ राज्य बनाने के लिए पंजाब में अलगाव की विचारधारा, चरमपंथ और आतंकवाद का समर्थन करता है।

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