पुराने वाहनों को फ्यूल न देने के फैसले पर दिल्ली सरकार ने लगाई रोक
नयी दिल्ली, 3 जुलाई (ट्रिन्यू)
जनता की नाराजगी के बीच, दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखकर कहा कि ओवरएज वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध तकनीकी चुनौतियों और जटिल प्रणालियों के कारण संभव नहीं है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि लोग इस कदम से असंतुष्ट हैं और सरकार लोगों के साथ है। सरकार ने ओवरएज वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं देने के अपने फैसले को फिलहाल रोक दिया है। दिल्ली सरकार के इस फैसले से दिल्ली एनसीआर में पड़ने वाले हरियाण के जिले के पुराने वाहन चालकों को भी राहत मिल सकती है। हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत सहित अन्य एनसीआर जिलों में एक नंवबर से ओवरएज वाहनों को पेट्रोल-डीजल देने पर रोक लगनी है।
सिरसा ने कहा कि प्रतिबंधों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने ओवरएज वाहनों के लिए सख्त मानदंड तय करने के लिए पिछली आप सरकार पर हमला बोला।
23 अप्रैल, 2025 को जारी दिल्ली सरकार के आदेश में एक जुलाई से उन वाहनों के लिए ईंधन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिनकी आयु समाप्त हो चुकी है। इनमें 10 साल या उससे अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल या उससे अधिक पुराने पेट्रोल वाहन शामिल हैं, जिनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और जिन्हें अदालत के आदेश के अनुसार सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है। इसके अनुसार, पेट्रोल-डीजल के लिए पेट्रोल पंपों पर रुकने वाले ऐसे वाहनों को परिवहन विभाग और यातायात पुलिस जब्त कर रही है। सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के निर्णय से अवगत कराया और उनसे 23 अप्रैल के आदेश को स्थगित करने का अनुरोध किया।
सिरसा ने आदेश को स्थगित करने का अनुरोध करते हुए लिखा, ‘इस अत्यंत जटिल प्रणाली की तकनीकी विसंगतियों और पड़ोसी राज्यों के साथ एकीकरण की कमी के कारण जनता में असंतोष और आक्रोश है और इन परिस्थितियों में वर्तमान प्रणाली को लागू करना संभव नहीं है, जिसके तहत दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर स्थापित एएनपीआर (स्वचालित नंबर प्लेट पहचान) के माध्यम से पहचाने गए वाहनों को ईंधन देने से मना किया जा रहा है।’