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Delhi Diwali Pollution : दिवाली पर दिल्ली में वायु प्रदूषण चार साल के उच्चतम स्तर पर, पीएम 2.5 का स्तर 675 पर पहुंचा

दिल्ली में सूक्ष्म प्रदूषक कणों (पीएम 2.5) की सांद्रता 675 पर पहुंच गई

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Delhi AQI: दिल्ली में दिवाली की सुबह धुंध से ढकी सड़क पर चलते वाहन। रॉयटर्स
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Delhi Diwali Pollution : दिल्ली में दिवाली के दिन वायु गुणवत्ता चार साल में सबसे खराब रही तथा रात में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा और सूक्ष्म प्रदूषक कणों (पीएम 2.5) की सांद्रता 675 पर पहुंच गई जो 2021 के बाद से अब तक का उच्चतम स्तर है। सोमवार शाम चार बजे दिल्ली का पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 345 रहा जो ‘बेहद खराब' श्रेणी में आता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में यह 330, 2023 में 218 और 2022 में 312 रहा था। कई जलवायु विशेषज्ञों ने मंगलवार को दावा किया कि व्यस्त समय के आंकड़े गायब हैं। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा हालांकि ने दावा किया कि सभी आंकड़े सही सलामत हैं और विभाग की वेबसाइट और ऐप पूरी तरह से चालू हैं। प्रति घंटे जारी बुलेटिन के अनुसार, शहर का एक्यूआई सोमवार रात भर उच्च बना रहा। बुलेटिन के अनुसार, एक्यूआई रात 10 बजे 344, रात 11 बजे 347, आधी रात को 349 और रात एक बजे 348 दर्ज किया गया।

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मंगलवार की सुबह सूचकांक लगातार ऊंचा बना रहा। यह सुबह पांच बजे 346, सुबह छह बजे 347, सुबह सात बजे 351, सुबह आठ बजे 352, सुबह नौ बजे 356, सुबह 10 बजे 359, पूर्वाह्न 11 बजे और दोपहर तक 359 पर बना रहा। इस बीच, पीएम2.5 का स्तर भी पिछले चार वर्षों में सबसे खराब रहा, जो दिवाली की देर रात 675 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। पीएम 2.5 ऐसे सूक्ष्म कण होते हैं जो आसानी से श्वसन तंत्र में प्रवेश कर जाते हैं और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा करते हैं। पीएम 2.5 की सांद्रता भी सुरक्षित सीमा से अधिक हो गई।

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तुलना के लिए, 2024 में पीएम2.5 का स्तर 609 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, 2023 में 570 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, 2022 में 534 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 2021 में 728 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। दिवाली के दिन शाम चार बजे से पांच बजे के बीच पीएम2.5 का स्तर 91 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था जो हर घंटे लगातार बढ़ा। यह शाम छह बजे 106, शाम सात बजे 146, रात आठ बजे 223, रात नौ बजे 371, रात 10 बजे 537, और आधी रात तक 675 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के शिखर पर पहुंच गया। बाद में इसका स्तर गिरना शुरू हो गया और मंगलवार को बाद में 91 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर वापस आ गया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर रात आठ बजे से 10 बजे के बीच हरित पटाखे जलाने की अनुमति दी थी लेकिन पटाखे निर्धारित समय के काफी बाद तक कथित रूप से जलाए गए। मंगलवार को शाम चार बजे जारी दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई 351 के साथ 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा। सीपीसीबी के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 सेू 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को शहर के वायु प्रदूषण में परिवहन उत्सर्जन का योगदान 14.6 प्रतिशत था।

पड़ोसी राज्यों में गाजियाबाद का योगदान छह प्रतिशत, नोएडा का योगदान 8.3 प्रतिशत, गुरुग्राम में योगदान 3.6 प्रतिशत और पराली जलाने का योगदान एक प्रतिशत रहा। उपग्रह डेटा से दिवाली पर पराली जलाने की पंजाब में 45, हरियाणा में 13 और उत्तर प्रदेश में 77 घटनाएं सामने आईं। दिल्ली स्थित सीपीसीबी में वायु प्रयोगशालाओं के प्रमुख एवं पूर्व अतिरिक्त निदेशक दीपांकर साहा ने कहा कि हवा की गति बढ़ने से वायु गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एक्यूआई में अचानक वृद्धि बंगाल की खाड़ी में दबाव की स्थिति के कारण हुई। इससे हवा की गति कम या शांत हो गई, जिससे प्रदूषकों का फैलाव रुक गया और उनका संचयन हो गया।

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