दिल्ली विस्फोट : बरामद फोन में मिले सबूत
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दिल्ली में आत्मघाती हमला करने वाले डॉ. उमर-उन-नबी का मोबाइल फोन बरामद किया है और उससे प्राप्त आंकड़ों से चौंकाने वाला सबूत मिला है कि उसने आत्मघाती हमले को ‘शहादत अभियान’ बताते हुए एक वीडियो बनाया था। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उमर के भाई जहूर इलाही को हिरासत में लेने और उससे पूछताछ के बाद महत्वपूर्ण साक्ष्य सामने आए। उमर 10 नवंबर को लाल किले के बाहर वह कार चला रहा था, जिसमें विस्फोट के बाद 15 लोग मारे गए थे।
इलाही को एक विशेष टीम ने गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी तब हुई, जब पूरे ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ की साजिश का पर्दाफाश होना शुरू हुआ। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में अनभिज्ञता जताने वाला इलाही अंततः लगातार पूछताछ में टूट गया और उसने बताया कि उमर 26 से 29 अक्तूबर के बीच कश्मीर घाटी में था। इलाही के मुताबिक, उमर ने उसे मोबाइल फोन स्पष्ट निर्देश दिया था कि अगर उसके बारे में कोई खबर सामने आए, तो फोन को पानी में फेंक देना। इसके बाद इलाही पुलिस टीम को उस जगह ले गया, जहां उसने फोन को फेंका था।
हालांकि, हैंडसेट क्षतिग्रस्त था, फिर भी फॉरेंसिक विशेषज्ञ महत्वपूर्ण डेटा निकालने में कामयाब रहे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उमर हिंसक चरमपंथी सामग्री के संपर्क में आने के कारण कट्टरपंथ की ओर आकर्षित हुआ था। इसमें इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) और अल-कायदा द्वारा किए गए आत्मघाती बम विस्फोटों से संबंधित कट्टरपंथी वीडियो देखना भी शामिल था।
उमर ने आत्मघाती हमले के बारे में बात करते हुए कई वीडियो भी बनाए थे और दावा किया था कि इस तरह के कृत्य धर्म में सबसे प्रशंसनीय कार्यों में से एक हैं। ये वीडियो इस साल अप्रैल में शूट किए गए थे। उसने आत्मघाती बम विस्फोटों को ‘शहादत अभियान’ बताया और जोर देकर कहा कि जिहाद के संदर्भ में ऐसी हरकतें न केवल जायज हैं, बल्कि सराहनीय भी मानी जाती हैं।
उमर का लगभग दो मिनट का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है। इसमें उमर अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहा है। रिकॉर्डिंग के दौरान कई बार उसकी जुबान लड़खड़ाती है और फिर अचानक वह वीडियो बंद कर देता है। अधिकारियों ने बताया कि फोन को आगे की जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया है।
अल-फ्लाह यूनिवर्सिटी, उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर ईडी के छापे
राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद : ईडी ने दिल्ली विस्फोट मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाले फरीदाबाद के अल-फ्लाह विश्वविद्यालय के ट्रस्टियों और प्रवर्तकों के खिलाफ एनसीआर में मंगलवार को एक साथ छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी के कई दलों ने सुबह 5.15 बजे से अल-फ्लाह ट्रस्ट और विश्वविद्यालय प्रतिष्ठान के 25 परिसरों की तलाशी ली। ट्रस्ट और विश्वविद्यालय के वित्त व प्रशासन की देखरेख करने वाले प्रमुख कर्मियों के खिलाफ भी छापे मारे गए हैं। ईडी ने इस मामले में एनआईए और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान लिया है। उधर, दिल्ली की एक अदालत ने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के सक्रिय सह-साजिशकर्ता जसीर बिलाल वानी को मंगलवार को 10 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
डीजीपी ने किया यूनिवर्सिटी का दौरा हरियाणा के कार्यवाहक डीजीपी ओपी सिंह ने यूनिवर्सिटी का दौरा किया। उन्होंने डीसी और सीपी के साथ बैठक की। इस बीच, डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील की 25 सितंबर का एक फोटो सामने आया है। इसमें वे नयी ब्रेजा कार की डिलीवरी लेते दिख रहे हैं। ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई आई20 कार का नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें दोपहर 2.35 बजे उमर कार लेकर दिल्ली के अरुणा आसिफ अली रोड से गुजर रहा है।
