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Delhi Blast Case: पठानकोट से 45 वर्षीय सर्जन हिरासत में, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से फिर जुड़ा तार

Delhi Blast Case: दिल्ली में इस सप्ताह हुए भीषण ब्लास्ट की जांच के दायरे में अब पंजाब तक पहुंच गई है। जांच एजेंसियों ने पंजाब के पठानकोट से एक 45 वर्षीय सर्जन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।...

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अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फाइल फोटो। पीटीआई
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Delhi Blast Case: दिल्ली में इस सप्ताह हुए भीषण ब्लास्ट की जांच के दायरे में अब पंजाब तक पहुंच गई है। जांच एजेंसियों ने पंजाब के पठानकोट से एक 45 वर्षीय सर्जन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सर्जन पिछले दो साल से एक निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सेवाएं दे रहा था।

सूत्रों ने बताया कि हिरासत में लिया गया डॉक्टर पहले हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम कर चुका है, वही संस्थान जिसके तीन डॉक्टरों को हाल ही में "व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल" मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मॉड्यूल के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े होने का खुलासा हुआ था।

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इससे पहले, शुक्रवार को हरियाणा के नूंह जिले के दो डॉक्टरों को भी पूछताछ के लिए उठाया गया था। इनमें से एक डॉक्टर ने MBBS के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में उसी माह 2 नवंबर तक अपनी इंटर्नशिप पूरी की थी। दूसरा डॉक्टर यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र था और फिलहाल नूंह के एक निजी अस्पताल में सेवाएं दे रहा था।

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व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा

सोमवार को जांच एजेंसियों ने देशभर में फैले एक बड़े व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। मॉड्यूल की जड़ें जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैली थीं। छापेमारी में 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी और अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों सहित कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

दिल्ली ब्लास्ट में 13 की मौत

मॉड्यूल के खुलासे के कुछ ही घंटों बाद दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन क्षेत्र में एक कार में विस्फोट हुआ, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। DNA टेस्ट से पुष्टि हुई कि कार चला रहा व्यक्ति डॉ. उमर नबी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था।

एन्क्रिप्टेड ऐप से चल रहा था नेटवर्क

सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया है कि मॉड्यूल के प्रमुख सदस्य स्विट्जरलैंड आधारित एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल कर अपनी गतिविधियों की योजना और समन्वय कर रहे थे। यह ऐप हाई-इंटेंसिटी ब्लास्ट और 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री वाले मॉड्यूल—दोनों घटनाओं को जोड़ने की एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।

पूछताछ का दायरा और बढ़ेगा

सूत्रों का कहना है कि हिरासत में लिए गए डॉक्टरों से पूछताछ जारी है और एजेंसियां मॉड्यूल से जुड़े और लोगों की पहचान करने में जुटी हैं। जांच एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि अभी तक सभी हिरासतें पूछताछ के आधार पर हैं और आवश्यकता पड़ने पर और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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