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Delhi Assembly Election 2025 : ट्रांसजेंडरों ने बेहतर भविष्य और सशक्तीकरण की उम्मीद में किया मतदान

ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए राजनीतिक दलों से समर्थन की कमी पर निराशा
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दिल्ली, 5 फरवरी (भाषा)

दिल्ली में रहने वाली 29 वर्षीय ट्रांसजेंडर मधुबाला ने पहली बार मतदान करते हुए बेहतर भविष्य की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, “हम ऐसी नीतियां चाहते हैं जो हमें सशक्त बनाएं, हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें और हमें समान अवसर प्रदान करें।”

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दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 1,261 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। ट्रांसजेंडर की सबसे अधिक संख्या (294) दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में है। ट्रांसजेंडर समुदाय के कुछ सदस्य पहली बार मतदान करने में सक्षम होने को लेकर उत्साहित हैं और वे इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में योगदान देने और सभी के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के एक मूल्यवान अवसर के रूप में देख रहे हैं। पेशे से नृतका मधुबाला ने कहा, “मैंने इस विश्वास के साथ पहली बार मतदान किया कि प्रत्येक वोट महत्वपूर्ण है।”

मधुबाला बच्चों को बॉलीवुड शैली का नृत्य सिखाती हैं। राष्ट्रीय राजधानी में मानवाधिकारों से लेकर बुनियादी ढांचे तक कई चीजें हैं जिन्हें ठीक करने की आवश्यकता है। हमारे समुदाय को ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो हमारी उपेक्षा न करें और हमें दूसरों के साथ लेकर चलें। हम पीछे नहीं रहना चाहते। हम ऐसी नीतियां चाहते हैं जो हमें सशक्त बनाएं, हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें और हमें समान अवसर प्रदान करें। पहली बार मतदान करने वाले 40 वर्षीय ट्रांसजेंडर सैम विलियम्स ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए राजनीतिक दलों से समर्थन की कमी पर निराशा व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी हमारा समर्थन नहीं करती, जो निराशाजनक है। पुरुष और महिला मतदाताओं के लिए बहुत सारी घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन हमें शामिल नहीं किया जाता है जैसे कि हम उनका हिस्सा ही नहीं हैं। हमें समान स्वीकृति और अवसर की आवश्यकता है। विलियम्स ने मतदान के अनुभव को ‘शक्तिशाली' करार दिया। हम सभी को लोकतंत्र के उत्सव में पूरे उत्साह से शामिल होना चाहिए। तभी हम अपने लिए लड़ सकते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार बदलाव ला सकते हैं।”

जंगपुरा की रहने वाली ट्रांसजेंडर मल्लिका किन्नर ने मतदान को लेकर अपनी उत्सुकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनना सशक्त महसूस कराता है। हमें अक्सर भुला दिया जाता है, लेकिन अब हमारे पास यह साबित करने का अवसर है कि हम भी मायने रखते हैं। मल्लिका ने कहा, “धीरे-धीरे, चीजें बदल रही हैं। कुछ नहीं से, अब हमारे पास ट्रांसजेंडर के रूप में अपना वोट डालने का अवसर है।”

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