Delhi AQI : मामूली 'सुधार' के बावजूद वायु गुणवत्ता अब भी 'खराब' श्रेणी में, 291 रहा एक्यूआई
पिछले 24 घंटों में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलीं पश्चिमी हवाएं
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Delhi AQI : दिल्ली में मंगलवार को वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 291 रहा जो "खराब" श्रेणी में आता है। इसका मुख्य कारण हवा की स्थिति में सुधार है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यह जानकारी दी। सोमवार को एक्यूआई 309 दर्ज किया गया जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में कहा कि पिछले 24 घंटों में शहर में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिमी हवाएं चलीं, जिससे प्रदूषकों के फैलने में मदद मिली। दिवाली के बाद से शहर का एक्यूआई "खराब" और "बहुत खराब" श्रेणियों के बीच रहा है। कुछ दिनों में यह "गंभीर" श्रेणी तक पहुंच गया। सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, 18 निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता 300 से अधिक दर्ज की गई जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। अलीपुर में सबसे अधिक एक्यूआई 377 दर्ज किया गया।
उसके बाद आनंद विहार में एक्यूआई 366 दर्ज किया गया। इस बीच 14 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता और चाइल्ड मूवमेंट (स्कूल ऑफ नेचर एंड ह्यूमैनिटीज) की संस्थापक, लिसिप्रिया कंगुजम ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को टैग करते हुए पोस्ट किया। उनसे आग्रह किया कि "दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करें। अभी कार्रवाई करें।
उन्होंने एक तख्ती पकड़ी हुई थी, जिस पर लिखा था, "हम सांस नहीं ले सकते, अभी कार्रवाई करें।" सीपीसीबी के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को "अच्छा", 51 से 100 के बीच को "संतोषजनक", 101 से 200 के बीच को "मध्यम", 201 से 300 के बीच को "खराब", 301 से 400 के बीच को "बहुत खराब" और 401 से 500 के बीच को "गंभीर" माना जाता है।
सीपीसीबी के अनुसार, पीएम 2.5 की सांद्रता 128.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 की सांद्रता 260 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। पीएम 2.5 में 2.5 माइक्रोमीटर या उससे छोटे व्यास वाले सूक्ष्म श्वास लेने योग्य कण शामिल हैं। पीएम 10 में 10 माइक्रोमीटर व्यास तक के थोड़े बड़े कण शामिल हैं। इस स्तर पर ये प्रदूषक विशेष रूप से फेफड़े या हृदय रोग से पीड़ित लोगों, बच्चों और बुजुर्गों में सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकते हैं। उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को राज्यवार पराली जलाने की घटनाएं पंजाब में 256, हरियाणा में 23 और उत्तर प्रदेश में 24 रहीं।
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