Delhi Air Pollution : दिल्ली में जहरीली हवा की मार, प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं की सेहत पर बढ़ा संकट
स्मॉग और गर्भावस्था : चिकित्सकों की सलाह, 'स्मार्ट प्रोटेक्शन' अपनाएं, घबराएं नहीं
Delhi Air Pollution : राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण बहुत ही खराब स्थिति में पहुंच चुका है जिसके चलते चिकित्सकों को गर्भवती महिलाओं से सांस लेने में तकलीफ, अत्यधिक थकान और उच्च रक्तचाप की बढ़ती शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि इसके चलते घबराहट में आकर गर्भवती महिलाओं को अचानक जगह बदलने या घूमने-फिरने जैसे कदम उठाने से बचना चाहिए।
दिल्ली की हवा को देखते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ये अति सूक्ष्म प्रदूषक कण रक्तप्रवाह के माध्यम से प्लेसेंटा तक पहुंच सकते हैं जिसके कारण गर्भस्थ शिशु तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है और समय पूर्व प्रसव का खतरा बढ़ सकता है।
सिल्वरस्ट्रीक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वप्निल अग्रहरि ने प्रदूषण के असर से बचने के लिए 'स्मार्ट सुरक्षा' पर ध्यान केंद्रित करते हुए गर्भवती महिलाओं को बाहर जाने से बचने, खिड़कियों को बंद रखने, शरीर में पानी की कमी न होने देने के साथ एयर प्यूरीफायर और एन95 मास्क का उपयोग करने जैसे एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।
द्वारका स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की निदेशक और यूनिट प्रमुख डॉ. यशिका गुदेसर ने भी उक्त सलाहों के साथ घर में हवा को शुद्ध करने वाले पौधे(एरेका पाम और पीस लिली) लगाने के साथ अच्छा पोषण लेने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने गुड़ खाने की सलाह दी है जो श्वसन तंत्र से प्रदूषकों को साफ करने में मदद करता है।
गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग निदेशक डॉ. आस्था दयाल ने कहा कि अध्ययनों से पता चलता है कि गंभीर धुंध (स्मॉग) के संपर्क में लंबे समय तक रहने से गर्भवती महिलाओं में जन्म पर शिशु का कम वजन, समय से पहले प्रसव, और श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने भी गर्भवती माताओं को खूब पानी पीने और प्रसवपूर्व देखभाल जारी रखने की सलाह दी।

