व्यापक जांच के कारण राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की घोषणा में हुई देरी : जितेंद्र सिंह
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि चयन प्रक्रिया में अत्यधिक छानबीन और पड़ताल के कारण राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की घोषणा में देरी हुई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान माने...
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि चयन प्रक्रिया में अत्यधिक छानबीन और पड़ताल के कारण राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की घोषणा में देरी हुई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान माने जाने वाले राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की घोषणा 2023 में की गई थी और पहला पुरस्कार पिछले साल राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की पूर्व संध्या पर 22 अगस्त को प्रदान किया गया था। पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और विज्ञान टीम पुरस्कारों की घोषणा 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर की जानी थी और पुरस्कार 23 अगस्त को प्रदान किए जाने थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘इनकी घोषणा कभी भी की जा सकती है। हममें से कुछ लोग जल्दबाजी में घोषणाओं के आदी हो गए हैं। अब व्यक्तिपरकता कम है। जांच-पड़ताल ज्यादा है और निष्पक्षता ज्यादा है।' उन्होंने चयन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा, ‘एक व्यापक बातचीत और व्यापक पड़ताल की व्यवस्था की गई है, जो संभवतः पहले नहीं हो रही थी।' उन्होंने कहा कि पुरस्कारों को विभिन्न श्रेणियों में भी विभाजित किया गया है। विभिन्न संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले 300 से ज्यादा पुरस्कारों को समाप्त करने के बाद राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (आरवीपी) की स्थापना की गई थी और इसमें एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होता है, लेकिन नकद राशि नहीं दी जाती। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (आरवीपी) के लिए प्राप्त सभी नामांकन राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति (आरवीपीसी) के समक्ष रखे जाते हैं, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री को नामों की सिफारिश करती है।
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