पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को रक्षा मंत्री की हरी झंडी
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) इंडस्ट्री पार्टनर्स के माध्यम से इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करेगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह ‘एग्जीक्यूशन मॉडल’ निजी और सार्वजनिक, दोनों क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धी आधार पर समान अवसर प्रदान करता है।
भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता बढ़ाने के लिए उन्नत ‘स्टील्थ’ (ऐसे विमान जिनकी हवाई क्षेत्र में मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल होता है) विशेषताओं वाले और दुश्मन के क्षेत्र में भीतर तक जाकर लक्ष्य को भेद सकने वाले मध्यम वजन के लड़ाकू जेट विकसित करने की महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने लड़ाकू विमान कार्यक्रम को पिछले साल सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। भारतीय वायुसेना एएमसीए परियोजना की दीर्घकालिक आवश्यकता को देखते हुए इस पर जोर दे रही है। हल्के लड़ाकू विमान विकसित करने के बाद एएमसीए विकसित करने को लेकर भारत का विश्वास काफी बढ़ गया है।