जम्मू/श्रीनगर, 9 जुलाई (हप्र/एजेंसी)
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है जबकि वहां फंसे 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित किया गया है। अमरनाथ गुफा के बाहर तबाही का मंजर है। 50 के करीब श्रद्धालु लापता हैं जिनकी तलाश जारी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 25 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। हादसे को लेकर कश्मीर स्वास्थ्य निदेशालय ने विभाग में डाक्टरों और पेरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। सेना के एक अधिकारी के अनुसार, पर्वतीय तलाश दल, बचाव दल और खोजी कुत्ते को खोज व बचाव अभियान में लगाया गया है।
अधिकारियों के अनुसार शनिवार सुबह सेना के हेलीकॉप्टरों से 6 तीर्थयात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा कि 16 शवों को बालटाल ले जाया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक व कश्मीर रेंज के प्रभारी विजय कुमार सुरक्षा बलों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा चलाए जा रहे बचाव कार्यों की निगरानी के लिए शनिवार सुबह पवित्र गुफा मंदिर पहुंचे।
उन्होंने कहा कि बचावकर्मी जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबा हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन हताहतों की सही संख्या जानने के लिए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों की जांच कर रहा है।
15 मरीजों को हवाई मार्ग से बालटाल पहुंचाया
आईटीबीपी के प्रवक्ता ने कहा कि रास्ते में कोई यात्री नहीं है। अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल 9 मरीजों का इलाज किया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया।